देवरिया बाबा का आदेश, अशोक सिंघल का संकल्प अब पूरा हो रहा हैं
क्या आपको पता है अयोध्या में भव्य राम मंदिर और नई अयोध्या का निर्माण का आदेश आज से 35 साल पहले देवरिया बाबा ने दिया था।
देवरहा बाबा अवतारी पुरुष थे. उनकी उम्र के बारे में कोई आकलन नहीं था. वे धरती पर नहीं रहते थे, हमेशा पानी में 12 फुट ऊंचे मचान में रहते थे.
इस योगी ने हिमालय में साधना की थी. देवरिया जिले के लार रोड के पास मइल के रहने वाले बाबा जीवन भर निर्वस्त्र रहे. बाबा रामभक्त थे. इसीलिए ज्यादा वक्त वो सरयू के किनारे ही रहते थे. बाबा का आशीर्वाद बड़ा प्रभावी होता था. राजीव गांधी की मां इंदिरा जी भी जब किसी समस्या से घिरती तो समाधान के लिए बाबा के पास ही जाती थी.
राजीव गांधी 6 नवंबर को वृंदावन में बाबा से मिलने गए. बाबा ने कहा मंदिर बनना चाहिए. आप शिलान्यास करवाएं. और शिलान्यास की जगह बदली न जाए. कहते हैं उसी वक्त से राजीव शिलान्यास के लिए प्रयासरत हुए. दूसरे दिन बाबा ने विहिप के नेता श्रीशचंद्र दीक्षित को बुलाया. उनसे कहा आप निश्चिंत रहें, हमने प्रधानमंत्री से उसी जगह पर शिलान्यास करने को कहा है. जहां आप लोगों ने झंडा गाड़ा है.
1989 में पूज्य देवरहा बाबा की मौजूदगी में शिलान्यास पूजन का निर्णय लिया गया और लाखों कारसेवक अयोध्या की ओर कूच कर गए। उसी वर्ष 9 नवंबर को राम मंदिर का शिलान्यास हुआ। इसके साथ ही एलान हुआ कि 30 अक्टूबर 1990 को जन्मभूमि की मुक्ति के लिए कारसेवा होगी,
अयोध्या में प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ़ हो गया था. लेकिन आपको बता दें कि अयोध्या में सिर्फ श्रीराम मंदिर ही नहीं बनेगा बल्कि और भी बहुत कुछ बनेगा. इससे राम मंदिर आंदोलन के नायक अशोक सिंघल का वो स्वप्न भी पूरा होगा जो उन्होंने सप्तर्षि देवरहा बाबा के निर्देश पर देखा था तथा ये सपना था एक “नई अयोध्या” बसाने का.
अशोक सिंघल जी ने सरयू नदी की तलहटी में समाए हजारों एकड़ भूमि पर नवीन अयोध्या की कल्पना को मूर्त रूप देने के लिए पूरा मास्टर प्लान भी तैयार कराया था. इस मास्टर प्लॉन को उन्होंने वर्ष 1998-99 में तत्कालीन कल्याण सरकार को सौंपा था, लेकिन राजनीतिक उठापटक के कारण प्रस्ताव फाइलों में ही धूल फांकता रह गया.इस योजना पर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कदम बढ़ाया है. इसके लिए अयोध्या के उस पार की जमीनों के अधिग्रहण की पृष्ठभूमि तैयार हो गई है.
जानकारी के मुताबिक़, शासन के निर्देश पर गोंडा प्रशासन की ओर से तरबगंज तहसील के दुर्गागंज मांझा व महेशपुर ग्रामसभा की करीब साढ़े आठ सौ हेक्टेयर जमीनों की नाप-जोख की शुरुआत हो गई है. इसकी पुष्टि अधिकारिक स्तर पर की गई है. तरबगंज तहसील के एसडीएम ने बताया कि शासन के निर्देश पर दो ग्राम पंचायतों में स्थित 860.469 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर आख्या भेज दी गई है. इससे पहले जिला प्रशासन की ओर से सदर तहसील के अन्तर्गत मांझा जमथरा क्षेत्र में स्थित नजूल विभाग की करीब तीन सौ हेक्टेयर जमीन का प्रस्ताव पहले ही भेजा चुका है.
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