जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 में दूसरी बार केंद्र में भाजपा की सरकार बनी थी तब 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाकर मोदी सरकार ने इतिहास रचा था. उस समय तक विपक्षी दल यही कहते थे कि धारा 370 को कोई हटा नहीं सकता। लेकिन मोदी सरकार ने वो करके दिखाया, जो उस दिन तक कोई नहीं कर पाया था. उसके बाद नवम्बर में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. सुप्रीम कोर्ट का फैसला राम मंदिर निर्माण के पक्ष में आया और लगभग 30 साल से लंबित केस का निपटारा हुआ. विपक्षी दल हमेशा से ही भाजपा को इस बात के लिए घेरकर रखते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख़ नहीं बताएंगे। लेकिन भाजपा अपने घोषणा पत्र का वादा पूरा करने के लिए आश्वस्त थी. अब न तो कोई राफ़ेल की रेट पूछने वाला आ रहा है और न ही राम मंदिर निर्माण की डेट. इस महीनें के अंत तक राफ़ेल भी आ जायेगा और अगले महीनें के पहले सप्ताह में राम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकार ने सबसे पहले कोर्ट के आदेश के अनुसार राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का एलान किया। उसके बाद के सभी फ़ैसले ट्रस्ट ही ले रहा है. अब ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट ने राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास की तारीख़ का भी एलान कर दिया है. ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी ने बताया कि 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से राम मंदिर निर्माण का भूमिपूजन होगा। नरेंद्र मोदी अयोध्या में हनुमानगढ़ी के दर्शन भी करेंगे, उसके बाद स्थापित राम लला के दर्शन करेंगे और फिर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी का यह पहला अयोध्या दौरा होगा। कल तक कोर्ट-कचहरी में राम मंदिर निर्माण के लिए रोड़ा अटकाने वाली कांग्रेस पार्टी, अब राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास में देश के वर्तमान प्रधानमंत्री के जाने पर, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के सोमनाथ मंदिर निर्माण शिलान्यास में नहीं जाने की दुहाई देने लगी है. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर भूमिपूजन नहीं जाए और पंडित नेहरू के रास्ते पर चले. जो पार्टी कभी भी देश के बँटवारे में नेहरू के योगदान को नहीं मानती, वो पार्टी आज सोमनाथ मंदिर निर्माण में नेहरू के नहीं जाने वाली बात की दुहाई देने लगी है. इससे साफ़ ज़ाहिर होता है कि कांग्रेस पार्टी राम मंदिर निर्माण पर कोर्ट के फैसले को अभी तक पचा नहीं पाई है.
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