बीते 3 जुलाई गुरुग्राम मानेसर में हिंदू समाज की एकजुटता पंचायत हुई थी और उसके बाद यह खबर आई थी कि मानेसर से रातों-रात हजारों रोहिंग्या बंगलादेशी अपना सामान व झुग्गियां छोड़कर गायब हो गए हैं। यह रोहिंग्या बांग्लादेशी कहां गायब हुए है इसका अभी तक किसी को पता नहीं है।

अपनी पड़ताल मे #KreatelyMedia ने पाया है कि वहां रहने वाले रोहिंग्या बांग्लादेशियों ने अपने आधार नंबर और तमाम जरूरी सरकारी दस्तावेज बनवाई हुए थे मगर ये भी सभी दस्तावेज अवैध है।

झुग्गी में पड़े हुए अबीहूल हसन नाम के शख्स के जब आधार नंबर को हमने सरकारी वेबसाइट पर चेक किया और उसका नंबर मिलाया तो हमने पाया कि भारत सरकार की साइट पर यह नंबर अवैध आ रहा है। इसके अलावा हमने रजिया बीबी नाम के आधार नंबर को भी साइट पर चेक किया और वह नंबर भी इनवेलिड बताया गया।

हैरानी की बात यह है कि रोहिंग्या बांग्लादेशी लोगों के लिए यह सरकारी दस्तावेज बनवाने का काम कौन लोग करते हैं और इन अवैध दस्तावेजों के सहारे यह लोग देश के तमाम इलाकों में सफलतापूर्वक छिपकर अपनी आबादी बढ़ाते हैं। सरकार को चाहिए कि सबसे पहले देश में छुपे हुए इन गद्दारों तक अपने कानून के हाथ बढ़ाएं और इन को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनएसए लगाया जाए।

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