मुट्ठी भर विधायकों के साथ सत्ता पर काबिज हुई शिवसेना सरकार , पिछले कुछ महीनों में किस तरह से ,और कैसे कैसे कार्य कर रही ये अब पूरी दुनिया को पता चल रहा है | सरकार जहाँ कोरोना महामारी के विरूद्ध अपनी लड़ाई में बुरी तरह से असफल और अकर्यमण्य साबित हुई है वहीँ राज्य में , कभी हिन्दू संत समाज के ऊपर हो रहे हमले ,हत्याएं तो कभी सैनिक और पत्रकारों तक पर आक्रमण करके /आक्रमण होते हुए देख कर अपनी खीज और गुस्सा उतार रही है।
पालघर में , महाराष्ट्र पुलिस की मौजूदगी में जिस तरह से दो निर्दोष , बुजुर्ग साधुओं को भीड़ के हवाले कर उनकी निर्मम ह्त्या कराई गई और बाद में इसे एक अफवाह के कारण हुई हत्या बता कर प्रदेश सरकार ने जैसे अपना पल्ला झाड़ा उस पर अभी सरकार की थूकम फजीहत पूरी भी नहीं हुई थी कि अब औरंगाबाद में भी एक साधु पर जानलेवा हमला करके उनकी ह्त्या करने का प्रयास किये जाने का मामला संज्ञान में आया है।
बताया जा रहा है कि , औरंगाबाद में स्थित एक आश्रम में , बुधवार रात को जबरन घुस कर सात आठ व्यक्तियों ने साधु पर धारदार हथियारों से हमला करके उनकी ह्त्या करने की कोशिश की , मगर शोर मचने पर वे भाग खड़े हुए और साधु बाबा को बाद में बुरी तरह से घायल अवस्था में अस्पताल में दाखिल कराया गया है।
इससे पहले पालघर फिर नांदेड़ और अब औरंगाबाद में , महाराष्ट्र में साधु संतों पर लगातार हो रहे हमले और इन सब पर प्रशासन की खौफनाक चुप्पी स्पष्ट इशारा कर रही है कि , सनातन और हिन्दू वाहक विचारों के सहारे सत्ता पाने वाली प्रदेश सरकार अपने कर्म और धर्म दोनों से ही विमुख हो चुकी है। धर्मविमुख स्थानीय सरकार और प्रशासन का नाश बहुत निकट दिख रहा है।
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