अरब और तुर्क देशों से कभी सोने के रूप में तो कभी ड्रग्स के रूप में तो कभी हवाला के जरिये पैसे मंगवा कर ,उन पैसों का उपयोग दंगों और पत्थरबाजी जैसे आतंकी और देश विरोधी घटनाओं के लिए प्रयोग किए जाने की बातें तो सुनी जाती रही हैं , लेकिन हिन्दुओं के प्रति नफ़रत ने मुसलमानों को किस कदर अंधा कर दिया है ये इस बात से ही पता चलता है की दिल्ली दंगों में फंडिग के लिए पूर्व पार्षद ने अपने खुद के डेढ़ करोड़ रूपए लगाए थे | इसी दंगों में , इंटेलिजेंस अधिकारी अंकित शर्मा को सैकड़ों बार चाक़ू से गोद कर उनकी ह्त्या करके नाले में फेंक दिया गया था |

दिल्ली दंगों की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ने हाल ही में दायर आरोपपत्र में इस बात का खुलासा किया है कि , आम आदमी पार्टी का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन जो अब अपने सोलह दूसरे साथियों के साथ ,अंकित शर्मा की ह्त्या और पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगो को उकसाने फैलाने , लोगों की ह्त्या और लूटपाट के लिए अभी जेल में बंद है उसने अपनी कट्टर छवि दिखा कर कटटर मुस्लिमों के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से ये घिनौना , और क्रूर अपराध किया था |

इस मामले पहले ताहिर के साथ ही गिरफ्तार किए गए “टुकड़े टुकड़े गैंग ” के उमर खालिद और खालिद सैफी ने , इन दंगों की पूरी योजना के साथ , आप पार्षद ताहिर से 8 जनवरी 2020 को मिल कर इसे अमली जामा पहनाने के लिए सारी साजिश रची थी |

बकौल दिल्ली पुलिस इन दंगों में प्रयोग किये जाने वाले हथियार ,पिस्तौल ,डंडों , चाक़ू , गुलेल , लाठी ,तेज़ाब और इन्हें अंजाम दिए जाने वालों को पैसे देने के लिए ताहिर हुसैन ने अपनी डेढ़ करोड़ पूँजी को ब्लैक मनी में बदल दिया था |

पुलिस ने बैंक खातों के निकासी आदि के सबूतों के साथ ये साबित किया है की , पिजड़ा तोड़ समूह की मेंबर गुलफ्शा के माध्यम से ये पैसा उन हत्यारों को दिया गया जिन्होंने अंकित शर्मा और राहुल सोलंकी जैसे हिन्दुओं का क़त्ल किया | दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल रतन लाल , जिनकी ह्त्या दंगाइयों ने चाँद बाग़ के इलाके में कर दी थी ,उन हत्यारों को भी पैसे की फंडिंग ताहिर ने अपने इसी रकम से की थी |

1 दिसंबर 2019 से लेकर 26 फरवरी 2020 की अवधि में हुसैन ने , पूर्व कांग्रसी पार्षद इशरत जहां ,खालिद सैफी , शिफा उर रहमान और मीरान हैदर के साथ मिल कर 1 करोड़ 61 लाख की रकम विभिन बैंकों से इन दंगाइयों ,हत्यारों को देने के लिए निकाली थी |

स्थानीय मुस्लिमों के घरों की छत पर घातक गुलेलें लगवाने से लेकर , लाठी डंडे , तेज़ाब ,पत्थर आदि को जमा करने का काम भी इन्हीं पैसों से और काफी समय पहले से ही कर दिया गया था | देश समाज और इंसानियत के दुश्मन बन चुके इन हैवानों ने अपना सारा पैसा पूँजी ,हिन्दुओं को मारने काटने लूटने जलाने के लिए लगा कर रात अँधेरे में छिप कर इस जेहाद की तैयारी कर ली थी |

कल्पना करिये ,यदि ये कोरोना महामारी नहीं फ़ैली होती तो मुस्लिम चरमपंथ की ये बीमारी अभी भी कहीं न कहीं सबको डस रही होती |

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