कई सालों के इंतज़ार के बाद, बिहार के चश्मो चराग और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के छोटे सुपुत्र तेजस्वी यादव आखिरकार अपने पुराने राजनैतिक साथी और चिचा नीतीश कुमार के मिलने से बिहार के उप मुख्यमंत्री बन ही गए।  अपने पिता लालू यादव के दूसरे होनहार पुत्र तेजप्रताप यादव भी जल्दी ही कोई न कोई अहम् जिम्मेदारी अपने लिए रखने ही वाले हैं।

तेजप्रताप और तेजस्वी , लालू यादव के शासन ख़त्म हो जाने के बाद से ही अपने पिता की तरह अपने राज्य की भरपूर सेवा करने के लिए तड़प रहे थे , कई तरह की हाहाकारी योजनाएं और भयंकर फायदेमंद घोषणाएं भी कर रहे , फिर पिछले विधानसभा चुनाव में भी बस जीतने ही वाले थे कि हार गए।  लेकिन जनता कल्याण के लिए तेजस्वी यादव की प्रतिबद्धता में कभी कमी नहीं आई , इसलिए उन्होंने बिहार को न सिर्फ देश का सबसे विकसित राज्य बनाने का बल्कि बिहार के सभी युवा युवतियों को सीधे ही 10 लाख नौकरियां देने की भीष्म प्रतिज्ञा भी कर ली।

उपमुख्यमंत्री बनने के बाद एक निजी टीवी चैनल को दिए गए अपने इंटरव्यू में उनसे सबसे पहला सवाल यही पूछा गया कि -वे 10 लाख रिक्तियाँ कब निकाल कर बिहारी युवा युवतियों के रोजगार का स्वप्न पूरा करने की अपनी भीष्म प्रतिज्ञा पूरी करेंगे।  लेकिन पत्रकार को अंदाज़ा नहीं था कि अब तेजस्वी का गठबंधन उन्हीं नीतीश कुमार के साथ हुआ है जिन्हें कभी तेजस्वी यादव ने पल्टूराम की उपाधि दी थी।

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सो अपने प्यारे पल्टूराम सहयोगी के नक्शेकदम पर चलते हुए तेजस्वी ने भी पलटी मारते हुए जवाब दिया कि -हमने कहा था मुख्यमंत्री बनने पर दस लाख लोगों को नौकरियाँ देंगे ,  डिप्टी सीएम बनने पर वादा पूरा करने वाली कोई बात नहीं हुई थी।  जे बात – यानि अब बजाते रहो झुनझुना कर जलाते रहो लालटेन।  बिहार में अबकि बहार लाएंगे , जंगलराज आएगा चारा खाएंगे।  

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