विज्ञापनजीवी केजरीवाल, ‘फ्री पुरूष’ ऐसे कितने ही नामों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जाना जाता है. ये नाम उन्हें ऐसे ही नहीं मिले हैं. भले दिल्ली पर करोडों का कर्ज हो लेकिन फ्री में रेवड़ियां बांटने में केजरीवाल का कोई सानी नहीं है.
दरअसल करोड़ों रुपयों का विज्ञापन देने और मौलानाओं पर पैसे लुटाने वाले केजरीवाल के लिए बाकी सभी चीजों के लिए खजाना भरा रहता है लेकिन जब अपने कर्मचारियों को उनका वेतन देने के समय आता है तो वे अपने हाथ खड़े कर देते हैं. एक बार फिर यही हुआ है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों के पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं है। वहीं, पंजाब में AAP सरकार ने कर्मचारियों को अगस्त महीने का वेतन एक सप्ताह देर से दिया।
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज (DDU) आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा फंडेड है। इस कॉलेज की हालत ये है कि इसके पास अपने शिक्षण कर्मचारियों का भुगतान करने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। जिस वजह से कर्मचारियों के वेतन के कुछ हिस्से को रोक लिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन कर्मचारियों को नोटिस देकर कॉलेज को कहना पड़ा कि वह सहायक प्रोफेसरों की नेट सैलेरी या टेक-होम राशि से 30 हजार रुपए और एसोसिएट प्रोफेसरों और प्रोफेसरों की नेट सैलेरी से 50 हजार रुपए रोक रहा है।
Delhi | Due to fund deficit, pay cut of teachers happening since last 2 yrs in 12 colleges under Delhi govt. We've held demonstrations outside CM's house, gone to Dy CM, nobody listened to us. We want the Central govt to take these colleges under its wing:AK Baghi, DUTA President pic.twitter.com/5l8tLxeYO2
— ANI (@ANI) September 9, 2022
Delhi | There's misgovernance in 20 more colleges under Delhi govt. Governing bodies in those colleges have been politicized, AAP workers appointed as members: AK Baghi, DUTA President
— ANI (@ANI) September 9, 2022
बता दें आपको दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज की पूरी फंडिंग दिल्ली सरकार की तरफ से की जाती है। हालांकि आम आदमी पार्टी की सरकार में अब इस कॉलेज को हमेशा फंड की कमी से जूझना पड़ रहा है।
DUTA के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी के मुताबिक “यह मामला सिर्फ दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज का नहीं है। दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले 12 कॉलेजों को पिछले 5 सालों से ग्रांट देर से दी जारी है। अब पिछले 2 सालों से इनके ग्रांट में कटौती की जा रही है।”
प्रोफेसर भागी ने कहा कि मामला वेतन में ही नहीं, स्टाफ के पुराने एरियर, LTC , मेडिकल, चाइल्ड एजुकेशन भी बकाया है जिसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फंड की कमी की वजह से कॉलेजों की प्रशासनिक और भवनों के रख-रखाव पर भी असर पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली देहात के दो महत्वपूर्ण महिला कॉलेजों- अदिति महाविद्यालय और भगिनी निवेदिता कॉलेज की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है और वो कभी भी गिर सकती है. प्रोफेसर भागी ने बताया कि इस संबंध में वे पुराने उप-राज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक मिल चुके हैं, धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर नए उप-राज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात कर चुके हैं और उन्होंने दिल्ली सरकार से इस पर जवाब मांगा है।
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार फंड की कटौती कर इन कॉलेजों को Self Financing Model पर ले जा रही है और उन्हें मजबूर किया जा रहा है कि छात्रों की फीस में बढ़ोत्तरी कर कॉलेज के लिए फंड जुटाए। प्रोफेसर भागी का कहना है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले हायर एजुकेशन संस्थानों में ऐसा किया जा चुका है और अब कॉलेजों को इस तरफ धकेला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर दबाव बढ़ेगा।
वहीं कुछ ऐसे ही हालात पंजाब में भी दिख रहे हैं । पंजाब में भी AAP की सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन देने में देरी कर रही है. पंजाब सरकार ने दो दिन पहले बुधवार को अपने कर्मचारियों के लिए अगस्त महीने की सैलरी देने के लिए 3 हजार 400 करोड़ रुपए जारी किया।
वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा “आप सरकार के पास विज्ञापनों के लिए पैसा है, लेकिन पैसा नहीं है तो 1) पंजाब सरकार के पास कर्मचारियों का वेतन देने के लिए, 2) पंजाब में गरीबों का मुफ्त इलाज देने वाले अस्पतालों का पैसा रिमबर्स करने के लिए, 3) दिल्ली के डीडीयू कॉलेज के शिक्षकों के वेतन देने के लिए, 4) पदक जीतने वाले और भारत को गौरवान्वित करने वाले एथलीटों के लिए।”
दरअसल केजरीवाल सरकार अपनी वाहवाही के लिए विज्ञापनों पर करोड़ो रुपये खर्च करती है. दिल्ली की शिक्षा मॉडल का ढ़िढोरा पीटती रहती है लेकिन हकीकत तो कुछ और ही है। भारत में फ्री की राजनीति के ब्रांड अंबेसडर बने अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को सचमुच बर्बाद कर दिया है. ये कहना गलत नहीं होगा कि फ्री का झुनझुना पकड़ा कर दिल्ली के साथ-साथ अब AAP की सरकार पंजाब की जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रही है. आपको जानकर हैरानी होगी कि दिल्ली पर 40,697 करोड़ का कर्ज है लेकिन ‘फ्री पुरूष’ केजरीवाल रेवड़ियां बांटने से बाज नहीं आएंगे.
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