भारतवर्ष के इतिहास का ऐसा हिन्दू शासक जिसे स्वर्णमयी शासनकाल के बाद भी इतिहास के स्मृति पटल से मिटा दिया गया और मात्र इसलिए कि वह ब्राह्मण था।
भारतवर्ष के इस महान शासक को इतिहास में मुगलों के दसवें हिस्से के बराबर भी स्थान नहीं दिया गया। उसका अपराध इतना ही था कि वह एक ब्राह्मण था और उसने भारतवर्ष में क्षीण हो रहे सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का स्वप्न देखा।