अपने विचारों को बड़ी बेबाक़ी से रखने के लिए जाने जाने वाले उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने Indian Medical Association के कुछ चिकित्सकों टिप्पणी करते हुए कहा कि आयुर्वेद ने ही मानव सभ्यता का सबसे पहला शल्य चिकित्सक दिया था ।
कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार ने क़ानून में बदलाव करते हुए आयुर्वेद के स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को आधुनिक शल्य चिकित्सा एवं औषधि के बारे में पढ़ाई करने की अनुमति दे दी थी । इस बात का विरोध Indian Medical Association (IMA) ने किया था । association ने इस कदम को रेग्रेसिव बताया था और कहा था कि ये हमारी चिकित्सा व्यवस्था को पुराने जमाने में ले जाएगा । कुछ चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था ।
उन पर टिप्पणी करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं उन चिकित्सकों के इंटेलेक्ट पर दया करता हूँ । आयुर्वेद के छात्रों को आधुनिक शल्य चिकित्सा एवं दवाइयों के बारे में जानकारी देना ग़लत नहीं है । मानव सभ्यता के पहले शल्य चिकित्सक भी आयुर्वेद से थे ।
आयुर्वेद भारत की प्राचीन काल से चली आ रही चिकित्सा पद्धति है जिसके जनक धन्वन्तरि थे । सुश्रुत को पहले शल्य चिकित्सक थे जो आयुर्वेदाचार्य थे । मानव सभ्यता के पहले शल्य चिकित्सक सुश्रुत ही माने जाते हैं ।
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