बीते 30-35 सालों से देश की राजधानी दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के बड़े इलाकों से गाड़ियां चोरी होने पर शक की सुई मेरठ शहर के सोतीगंज इलाके पर ही घूमती थी। इस मार्केट में कई सारे आपराधिक प्रवृत्ति के तत्व अपना करोड़ों का कारोबार चलाते थे अब आखिरकार योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मार्केट पर ताला जड़ दिया है । इस मार्केट को चोरी की गाड़ियों और स्पेयर पार्ट्स का गढ़ माना जाता रहा है। यहां कबाड़ के ऐसे-ऐसे कारीगर बैठे हैं, जो चुटकी बजाते ही दोपहिया और चारपहिया गाड़ियों का पुर्जा-पुर्जा अलग करके छू मंतर कर देते हैं। अब इस बाजार पर ताला लग गया है। सैकड़ों दुकानों को वाहन कटान, जीएसटी की चोरी, चोरी के पार्ट्स बेचने के लिए नोटिस दिया जा चुका है।

मेरठ के सोतीगंज को गाड़ियों के ‘कमेले’ के नाम से जाना जाता है। दरअसल, ‘कमेला’ वह स्थान होता है, जहां मांस के लिए जानवरों को काटा जाता है। सोतीगंज में उसी तरह चोरी की गाड़ियों के पुर्जे-पुर्जे अलग कर दिए जाते हैं। सोतीगंज के बाजार में होने वाला काम किसी से भी छिपा नहीं है। पुलिस, प्रशासन से लेकर सरकार तक को यहां की गाड़ियों के मार्केट की सच्चाई पता है।

कहा तो यह भी जाता है कि यहां प्रतिदिन सैकड़ों चोरी की गाड़ियों को काटकर कबाड़ बनाकर बेचा जाता था। पिछले कुछ समय से पुलिस ने इस मार्केट के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया हुआ है। वाहन कटान को लेकर सोतीगंज की 100 से ज्यादा दुकानों पर 91 सीआरपीसी के तहत नोटिस चिपकाया गया। नोटिस का जवाब देने तक दुकानें बंद कर दी गई हैं। जीएसटी की चोरी और चोरी के स्पेयर पार्ट्स बेचने के लिए कार्यवाही की गई। किंग कारोबारी हाजी गल्ला की करोड़ों की संपत्ति कुर्क कर गिरफ्तार किया जा चुका है। आइए, इस सोतीगंज मार्केट से जुड़े कुछ दिलचस्प फैक्ट्स को देखते हैं।

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