मैं मानता हूं कि वर्तमान सरकार अच्छा नहीं कर रही है। अच्छा क्या कहा जाए कुछ भी नहीं कर रही है। भारत को ऐसी परिस्थिति का खूब अनुभव है । इसीलिए भारतीय कभी परेशान नहीं होता। वीपी सिंह का फैलाया हुआ मंडल का कुचक्र या बिहार में लालू का डेढ़ दशक , भारत के कई राज्यों में भी ऐसी परिस्थितियां बनी होंगी, भारतीयों ने सब झेल लिया है। भारतीय बस सब्सिडी और गैर सब्सिडी इन्हीं दो स्थितियों में जीता है। अति धनाढ्य वर्ग को कोई चिंता नहीं उसके लिए मनमोहन या मोदी ने कोई फर्क नहीं।परंतु आज का भारत दो भागों में बँट गया है एक बुद्धिजीवी दूसरा भक्त। इनके 2 चैनल भी हैं किसी का एनडीटीवी तो किसी का रिपब्लिक भारत। एक को अच्छाई नहीं दिखती है दूसरे को बुराई नहीं दिखती है। और कुछ ऐसे लोग हैं जो उस अच्छाई और बुराई की लकीर पर खड़े हैं। उन्हें दोनों तरफ की चीज दिख रही है। तो तारीफ करने वालों से तो मुझे कुछ नहीं कहना क्योंकि उनके बयान को हमारे शत्रु देश अपने फायदे के लिए प्रयोग में नहीं ला सकते हैं परंतु जो लोग भी बुराई करते हैं उनसे यही कहना है कि वह अपने नाम और जिम्मेदारी के साथ वह सबूत मुझे उपलब्ध करवाएं ताकि मैं एक जनहित याचिका सरकार के खिलाफ दायर कर सकूं। मैं भी एक व्यक्ति रहूंगा याचिका दायर करने में और हमारे वे मित्र भी रहेंगे जिन्होंने वह सबूत जुटाए हैं। हमारी मित्र सूची में अच्छे जज, अच्छे वकील, अच्छे तार्किक व्यक्ति , वामपंथ के अच्छे चिंतक, हिंदुत्ववादी अच्छे विचारक , अच्छे नास्तिक और बेहतरीन आस्तिक भी हैं। मैं इन सब की सहायता लेकर उन सबूतों का एनालिसिस करूंगा और अगर सब की राय यह बनती है कि सरकार सचमुच इस मामले में गलत कदम उठा रही है तो पीआईएल याचिका दायर करूंगा पर उसमें मैं रहूंगा और मेरे वे मित्र जिन्होंने नये सबूत जुटाए हैं।
वर्तमान सत्ता की निंदा ना करें क्योंकि आपकी निंदा भारत विरोधियों द्वारा प्रयोग में लाई जा सकती हैं। मैंने यह पाया है कि सारे मोदी विरोधी देशद्रोही नहीं है परंतु यह भी लगभग सत्य है कि सारे देश विरोधी मोदी विरोधी जरूर हैं। मैं सिर्फ भारत का समर्थन करता हूं। प्रधानमंत्री का कोई भी कार्य यदि देश विरोधी है और आपके पास सबूत है तो आगे आइए, जनहित याचिका दायर करने में मैं पूर्ण रुप से आपके साथ रहूंगा और आप भी रहेंगे।
और अगर ऐसा नहीं है तो शरीर से गंदगी बाहर करने के लिए कई अंग हैं। कम से कम अपने दिव्य मुख का प्रयोग ना करें।
सत्यमेव जयते।।

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