पहले के जमाने में लोगों के बीच अपनी बात पहुंचाने का जरिया समाचार पत्र पत्रिकाएं रेडियो या फिर टेलीविजन हुआ करता था। उस जमाने में जो भी फिल्में या कार्यक्रम बनाए जाते थे उसे प्रसारित करने से पहले हमारे देश का सेंसर बोर्ड तय करता था की इसमें दिखाए गए किसी भी दृश्य से समाज में गलत संदेश ना जाए। वहीं अगर वर्तमान की स्थिति पर बात करें तो आज कई प्रकार के सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म बना दिए गए जहां फिल्म निर्माता या वीडियो बनाने वालों के ऊपर किसी भी प्रकार का कोई सेंसरशिप नहीं है। इसी का लाभ उठाते भारत पर सांस्कृतिक हमला करने से नहीं चूक रहे। हम सभी जानते हैं वर्तमान में समाज की एक अवधारणा बनाने का काम फिल्म इंडस्ट्री भी करती है। अच्छी फिल्मों के माध्यम से भारत के युवाओं में अच्छे संस्कार डाले जा सकते हैं और नहीं तो समाज को बिगड़ने का काम भी इन फिल्मों के माध्यम से किया जा सकता।
इंटरनेट की दुनिया में ओटीटी प्लेटफॉर्म के नाम पर ऐसे कई प्लेटफॉर्म आ चुके हैं जहां पर फिल्म इंडस्ट्रीज और वेब सीरीज बनाने वालों की होड़ लग चुकी है। हाल ही में नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हो रही बॉम्बे बेगम्स नाम की वेब सीरीज में विद्यार्थियों द्वारा विद्यालय में असली छायाचित्र को देखना और छोटे बच्चों को मादक पदार्थों का सेवन करना आदि जैसे दृश्य दिखाए गए हैं। इसके साथ ही बाल यौन शोषण के प्रचार प्रसार खुलकर किया गया है। इस वेब सीरीज की निर्मात्री अलंकृता श्रीवास्तव है और मुख्य भूमिका में अक्सर विवादों में रहे मुकेश भट्ट की बेटी और अभिनेत्री पूजा भट्ट है। किसी भी वेब सीरीज में इस तरह के दृश्य दिखाए जाने के बाद बच्चों की मानसिकता पर क्या असर पड़ने वाला है इस बात का अंदाजा कोई भी लगा सकता है।
इसी को लेकर हिंदू जनजागृति समिति की ओर से वेब सीरीज के निर्माता एवं प्रसारक नेटफ्लिक्स पर बाल न्याय अधिनियम 2015 की धारा 77 का उल्लंघन करने के अपराध प्रविष्ट करने की मांग की है। समिति ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर महाराष्ट्र के गृह मंत्री और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र भेजकर तत्काल प्रतिबंध लगाने की बात कही।
मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने महाराष्ट्र के गृह सचिव और मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर इस वेब सीरीज के निर्माताओं पर अपराध प्रविष्ट करने का आदेश भी दिया है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से यह पहला मामला नहीं है। पहले भी कई बार भारतीय व्यवस्था को बदनाम करने के लिए कई वेब सीरीज बनाए गए हैं। आजकल युवापीढी को बडी मात्रा में आकर्षित करनेवाले एमेजोन, नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, अल्ट बालाजी आदि अनेक ऑनलाइन मीडिया के माध्यम से गालियों से भरी हुई फिल्मे जैसे पाताल लोक, लैला, सेक्रेड गेम्स, गंदी बात, कोड एम. और गेम ऑफ थ्रोन्स, बेताल, तांडव, आश्रम जैसी आपत्तिजनक वेबसीरीज दिखाई जा रही हैं। इन वेबसीरीज पर शासन, प्रशासन अथवा सेन्सर बोर्ड आदि में से किसी का भी बंधन अथवा नियंत्रण नहीं है । परिणामस्वरूप इन माध्यमों से देशविरोधी, सेनाविरोधी, हिन्दूविरोधी, अश्लील, हिंसक, आपत्तिजनक और धार्मिक अनबन उत्पन्न करनेवाले दृश्य-संवाद बडी मात्रा में प्रसारित किए जा रहे हैं । यह अत्यंत गंभीर है तथा देश की एकता और सामाजिक शांति के लिए संकटदायी है। इसे लेकर प्रशासन गंभीर भी हुई मगर अब तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका है। आपको बता दें की वामपंथी षड्यंत्र के तहत विवादित वेब सीरीज को बनाया भी जाता है । ताकि उसका प्रचार-प्रसार हो सके ताकि अधिक से अधिक लोग ऐसे वेब सीरीज को देखने के लिए आगे आएं।
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