2014 कहने के लिए हम 21वीं सदी में जी रहे थे जहां दुनिया के कई देश तकनीक के माध्यम से विकास कर रहे थे तो हमारा देश कांग्रेस की सरकार में घोटालों का कीर्तिमान स्थापित कर रहा था।
आजाद हुए देश को 67 वर्ष बीत चुके थे पर देश की सबसे पुरानी पार्टी ने देश के लोगों की गुलामी की आदत को अवसर में बदल दिया और नारा दिया आधी रोटी खाएंगे कांग्रेस को लाएंगे। जरा सोचिए आधी रोटी का सपना दिखाने वाले राजनेता जनता का भला कर सकती है। देश की जनता को भी वह नारा पसंद आ रहा था और कांग्रेस पार्टी मजबूत होती गई।
सड़क, बिजली, पानी, सौचलाय,मकान देश की बहुत बड़ी आवादि इन मूल अधिकारों से भी वंचित थी। दूर संचार , कम्प्यूटर जैसे माध्यम धन्ना सेठों के लिए ही था क्यूंकि देश की जनता उन सुविधाओं का लाभ उठाने में सक्षम नहीं थी। भारत के युवा कई पीढ़ियों के बाद खुद को ठगा महसूस कर रही थी। देश में उद्योग के नाम पर मात्र कुछ राज्यों को ही उद्योग खोलने का अवसर दिया गया। बिहार , यूपी, बंगाल, ओडिशा जातिवादी राजनीति के कारण अपने प्रदेश के उद्योग को खोता ही रहा था और यहां के युवा नौकरी के लिए रेल गाड़ी में धक्के खा कर महानगरों में पलायन को मजबूर होते रहें। इसके विपरीत गुजरात विकास के नए अध्याय जोड़ रहा था, शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों का कायाकल्प ही बदल गया था। जी हां, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प ने नया गुजरात बना दिया था जो प्राकृतिक आपदा का सबसे ज्यादा शिकार होता रहा है उसके वावजूद गुजरात को शिखर तक पहुंचाने में कुछ उद्योगपति और मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का योगदान अकल्पनीय है।
2014 में देश की राजनीति को नया आयाम देने वाली भाजपा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के साथ चुनाव में एक नए सपने को जन्म देकर सत्ता को प्राप्त कर चुकी थी।
अचानक से बदलाव हुए जो मोबाइल आम आदमी के लिए एक सपना होता था वह सस्ते काल रेट , नेट डेटा और सस्ते मोबाइल के कारण आम लोगों को नसीब हो पाया। सूचना प्रौद्योगिकी में अचानक तेजी आने से निजी संस्थानों में अवसर मिलने लगे।
आप ये जो रेल कोच देख रहे है यह कोई विदेशी रेल कोच नहीं बल्कि भारतीय रेल के #विस्टाडोम_रेल कोच है।जिसका180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफल परीक्षण किया गया है।
देखिए पूरा वीडियो इस लिंक को क्लिक करके।?
वर्तमान में 13 विस्टाडोम कोच चुनिंदा मार्गो पर संचालित हैं। भारतीय रेलवे का तकनीकी सौंदर्यीकरण हो रहा है।
भारत आज स्वास्थ सुविधाओं में अब्बल है और यह इस महामारी में भी प्रमाणित हुआ है।
जहां 65 वर्षों में नाम मात्र के AIIMS थे आज जगह जगह AIIMS बन रहे हैं।
मकान हर इंसान का सपना होता है और इन्सान सारी उम्र रोजगार करने के बाद भी इस सुविधा से वंचित रह जाता है पर आज हम जैसे आम आदमी भी अपने घर का सपना देख रहे हैं और कई लोगों ने इस सपने को पूरा भी कर लिया है।
सच मे मेरा देश बदल रहा है। आत्मनिर्भर भारत एक नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए अग्रसर है और इस सपने को साकार करने के लिए देश के युवा जिस जोश के साथ आगे आ रहे हैं उस हिसाब से भारत को विश्वगुरु जरूर बनेगा पर अति तुष्टिकरण कहीं करे कराए पे पानी न फेर दे।
अति तुष्टिकरण पर जल्द लिखूंगा।
एक देशभक्त लेखक।
अमित कुमार।
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