आजकल जहाँ देखिये वहीँ अंग्रेजी स्पीकिंग सेंटर खुला हुआ है. बड़े शहरों की बात छोडिये, छोटे गाँव देहात में भी जिसे भी थोड़ी बहुत अंग्रेजी आती है, वही क्लास चलता है. मेरे गाँव पर भी शिवाला पर बिसुनधरवा का बेटा क्लास चलाता है. इस बार देख कर आये, बड़ा बढियां चल रहा है छौंड़ा का बिजनेस.
बालीवुड के साथ साथ हालीवुड का हउवा भी देख ही रहे हैं, स्पाइडर मैन का मकड़ी-बबुआ बन चुका है जिसमे टोबे मैग्वायेर बोल रहे हैं – “हम तोहरा मुआ देब रे राक्छ्स!!!”
हम पिछलग्गू की तरह हर काम कर रहे हैं, उनके जैसा पहिनना चाह रहे हैं, उनके अंदाज में बतियाना चाह रहे हैं, और ये लोग तो ना जाने कब से हमारी ही शैली चुरा कर बड़े कान्फिडेंस के साथ प्रयोग कर रहे हैं. उदहारण के लिए देखिये, अमेरिकन्स जब किसी से मिलते हैं तो कहते हैं “what’s up man!!”, और हमारे यहाँ बच्चे बूढ़े और जवान, “का हो मर्दे!!!”
दूसरा उदहारण, “Get outta here!!”, “चल भाग हियाँ से”
एक और लीजिये, “Are you out of your mind??”, “बउरा गईल बाड़े का रे?”
देखा ना, सब नक़ल किया हुआ है. सेम टू सेम. हँ न त!
इसलिए, मैं अंग्रेजी सीखने के लिए लुलुआये लोगों से यहीं कहूँगी की बस ५०% मेहनत कीजिये बाकी शैली तो अपनी है ही!
जा झाड के!
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