भारतीय दर्शकों , खासकर वो दर्शक जिनके आगे हिंदी सिनेमा के नाम पर चरसी बॉलीवुड पिछले दो दशकों से अपने दिमाग और जीवन की सारी विष्ठा सारा मानसिक मल , उल जलूल प्रयोगों की आड़ में सिनेमा कह कर परोसे जा रहा था उसकी सारी कला और कलाकारी सुशांत सिंह राजपूत जैसे नवोदित अभिनेता की साजिशन ह्त्या के बाद से ही , सामने आ गई थी।  इसके बाद तो बस एक एक करके किसी न किसी बहाने से बॉलीवुड के बड्डे बड्डे आदर्शवादी नायक नायिकाएं , नारकोटिक्स के अधिकारीयों के आगे अपनी अपनी बीड़ी चिलम का हिसाब किताब देते ही दिखाई दिए।

लोगबाग धीरे धीरे ही सही और एक दूसरे के समझने समझाने से ही सही मगर समझ गए कि क्यों हिंदी सिनेमा “राजा हरिश्चंद्र ” और “सम्पूर्ण रामायण ” जैसे अमर चित्रपटों से शुरू होकर “बॉलीवुड जेहाद ” का शिकार होकर आतंकियों और समगलरों पर फिल्में बनाने और दिखाने लगा।  बस इसके बाद से ही उसी जनता ने ,जिसने यहां आमिर , शाहरुख , सलमान ,सैफ जैसों की एक एक पिक्चर को देखने के लिए अपने खून पसीने की गाढ़ी कमाई में से अच्छी खासी रकम चुका कर इन्हें करोड़पति अरबपति बनाया , उसी जनता को , उसी समाज को , उसी देश को -इन सबने छला।  बार बार छला और हर बार अपने मज़हब को देश से ऊपर ही रखा।

तमाम तरह का दुर्व्यवहार और अमर्यादित आचरण करते हुए ,बहुत से अपराधों में भी लिप्त , इन बड़े नामों ने अपने पीछे एक काला सच और वही कट्टर सोच को पनाह दे रखी है इसका उदाहरण भी लोगों को अक्सर इन खानों की कथनी और करनी से मिल ही जाता है।  फिर आमिर खान तो एकसाथ इतने मुखौटे ओढ़ कर खुद को मासूम करने के इतने सारे हथकंडे पहले ही अपना चुके हैं कि अब कुछ ढका छिपा बचा ही नहीं है।

कभी देश में उनकी दूसरी पत्नी को रहने में डर लगने लगा था क्यूंकि यहां असहिष्णुता का माहौल हो गया था , फिर बाद में मोदी सरकार दूसरी बार भी आ गई तो उनको समस्या का समाधान तलाशना ही पड़ा और उन्होंने तलाश भी लिया।  उन्होंने उस बीवी को ही तलाक देकर एक तीसरी वाली का दामन थाम लिया है अब जब वो डरेगी तब देखेंगे क्यूंकि इस्पेसल क़ानून के हिसाब से उनके कोटे में अभी एक और बेगम अता फरमाई गई है।वैसे भी फिलहाल गले तो काफिरों के कट रहे हैं इसलिए माहौल में डर नहीं है जी , बिलकुल भी नहीं।

तो इस बार खान साहब चड्डा साब बनकर ,The Forest Gump नामक एक इंग्लिश फिल्म की नक़ल लेकर और अपनी वही घिसी पिटी अदाकारी लेकर आ रहे हैं , इधर लोगबाग भी तैयार बैठे हैं चड्ढा साब को सीधा टाटा बाय बाय कहने के लिए।  आइये चड्ढा साब

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