लोकतंत्र में अहंकार एवं हठधर्मिता के लिए कोई स्थान नहीं होता

लोकतंत्र में अहंकार एवं हठधर्मिता के लिए कोई स्थान नहीं होता, होना भी नहीं चाहिए। जड़ता एवं टकराव लोकतंत्र की प्रकृति-प्रवृत्ति नहीं। संवाद से...

लोक महापर्व छठ की महत्ता एवं प्रासंगिकता

लोक-आस्था का महापर्व छठ बिहार-झारखंड-पूर्वी उत्तरप्रदेश के निवासियों की स्मृतियों में बहुत गहरे पैठा है। मैकॉले प्रणीत शिक्षा-पद्धत्ति का दोष कहें या छीजते विश्वास का दौर हमारा...

स्वातंत्र्यवीर सावरकर : आरोपों के आईने में

विनायक दामोदर सावरकर यानी स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर एक विचारधारा विशेष के लोग आरोप लगाते रहे हैं कि उन्होंने तत्कालीन ब्रितानी हुकूमत से माफ़ी माँगी...

सावरकर : एक समग्र मूल्यांकन

विनायक दामोदर सावरकर प्रखर चिंतक, गहन अध्येता, सत्यान्वेषी इतिहासकार, भावप्रवण कवि, सेवाभावी समाजसुधारक और महान स्वतंत्रता-सेनानी थे। उनका कोई भी रूप अन्य किसी रूप...

अनुभव एवं संघर्षों की आँच में तपकर निखरा-चमका लोकप्रिय राजनेता : प्रधानमंत्री मोदी

संवैधानिक पद पर प्रधानमंत्री मोदी के २० साल : बेमिसाल राजनीति भी व्यापक मानवीय संस्कृति का एक प्रमुख आयाम है। भारतीय जनमानस के लिए...

पंडित दीनदयाल उपाध्याय और एकात्म मानवदर्शन

विश्व-बंधुत्व की भावना को साकार करता एकात्म मानवदर्शन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय सरलता और सादगी की प्रतिमूर्त्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुमुखी एवं विलक्षण प्रतिभा...