हिरण दिन-भर घास खाकर, उसे प्रोटीन में बदलने में लगा रहता है। दूसरी तरफ भूख नहीं लगने तक माँसाहारी जानवर आराम से पड़े रहते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि उनके लिए प्रोटीन का इंतजाम हिरण जो कर रहा है। जब तक हिरण जिंदा है, जंगल में खूंखार जानवर मस्त सोते है, पर जब हिरण कम होने लगते हैं तो ये भूखे खूंखार नए जंगल की तलाश करते हैं।

हिन्दू-रूपी हिरणों ने बड़ी मेहनत से सोना, चांदी, हीरे, ज्ञान-विज्ञान इकट्ठा किया था, क्या हुआ? एक खूंखार नस्ल साफ कर गई सब। ईरान लिया, अफगानिस्तान लिया, पाकिस्तान ले गये, कश्मीर लिया, बांग्लादेश लिया, केरल, बंगाल और असम भी गया ही समझो ! उस नस्ल ने सिर्फ शिकारी के गुण विकसित किये हैं।

अब पाकिस्तान और बांग्लादेश में खाने-पीने की भयंकर कमी आ रही है क्योंकि हिन्दू, पंजाबी, सिंधी तथा बंगाली जैसे हिरण कम हो चुके, जिनकी वजह से इकॉनोमी चल रही थी। शेष कार्य सिर्फ शरीयत को 100 प्रतिशत लागू करना है, जिसकी वजह से धीरे-धीरे पाक-बांग्लादेश में हिरण खत्म हो रहे हैं और खूंखार नरभक्षी बढ़ रहे हैं। अब उन नरभक्षियों की नजर नए जंगलों पर है, वो है भारत। इसे ही वो गज़वा-ए-हिन्द कहते हैं और उनकी मजहबी किताबों में 1400 साल पहले इसका जिक्र हो चुका। हर शांतिप्रिय भेड़िये के मन में वो ऐसे बैठा हुआ है जैसे हिंदुओं के लिए राष्ट्रगीत।

इस आखिरी जंग में सेना कुछ नही कर पायेगी, क्योंकि ये जंग अंदर से शुरू होगी, फिर बाहर से। जिस गति से पाक-बांग्लादेश से हिरण रूपी हिंदू कम हो रहे हैं, उतनी ही जल्दी इसकी संभावना बढ़ रही है, और ये जंग अचानक नहीं होगी, हिंदू पहले से ही हैं इस जंग में हैं। विश्वास न हो तो असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, केरल आदि राज्यों के उनके बाहुल्य इलाके में घूम लें, वहाँ से हिंदू रूपी हिरणों ने घर-संपत्ति बेचकर कहीं और बसेरा बना लिया। हमारे यहाँ के हिरण कहाँ जाने की सोच रहे हैं, समझ लें। जब किसी मोहल्ले या कालोनी में हिन्दू 20% रह जाते हैं तब एक साइलेंट उत्पीड़न का दौर कुछ इस प्रकार शुरू होता है :-

1 – आप, आपका परिवार रात को बेधड़क सो रहा होता है, तभी आपका पड़ोसी सलमान अपनी दीवार जो आपके दीवार के साथ मिली होती है, में रात के 11 बजे कील ठोंकना शुरू कर देता है।

2- मुर्गे बेचने वाला अब्दुल 1000 मुसलमानों के घर छोड़ के सिर्फ आपके सामने वाले सलीम के चबूतरे पर बैठ के मुर्गे काटना शुरू कर देता है।

3- कल रात अब्दुल के घर आई मीट की खाली काली पन्नी सुबह आपके दरवाजे पे फड़फड़ाती मिलेगी।

4 – रजिया का बच्चा रोज आपके चबूतरे पे पेशाब करेगा, कभी रजिया आकर साफ करेगी, कभी कह देगी मेरे बच्चे ने नही किया। मजबूरन आपको साफ करना पड़ेगा।

5- आपके घर मे जवान बहु-बेटी है तो आपसे 3 मकान छोड़ के रहने वाले गफूर मियां के यहां दिनभर अवारागर्दों का अड्डा जमा रहेगा। वो आवारा गाहे-बगाहे बिन जरूरत आपके घर के सामने से बार-बार निकलेंगे, आपस में गन्दी भद्दी गालियों भरी भाषा आपकी ही बहन बेटियों को सुनाते हुए।

6- नमाज के टाइम आप से चौथे मकान वाले शराफत मियां आपका TV बंद कराना कभी नही भूलते ।

7 – होली के रंग से इस्लाम खतरे में पड़ जाता है और दीवाली के पटाखे से बकरियों को परेशानी होती है ।

7- बकरीद पे तो महीनों तक आप को गंदगी और बदबू से निजात नही मिलने वाली।

7 – आप कितने भी शरीफ हों, महीने में 3-4 बार आप से लड़ाई का बहाना वो ढूंढ ही लेते हैं।

8 – पुलिस प्रशासन से शिकायत करें तो आप अकेले पड़ जायँगे और उनकी तरफ से 1000 लोग आपको ही झगड़ालू और साम्प्रदायिक बताने लग जायेंगे।

ये सब उत्पीड़न के तौर-तरीक़े साबित करना आपके बस की बात नहीं। आपके शुभचिंतक आपको वहाँ से पलायन की सलाह देंगे और प्रशासन इसे आपका निजी मामला बताएगा !

रे हिन्दू सेक्युलर बैठ जरा,
तुझको तेरा भविष्य बताता हूँ,
तेरे बच्चों के संग क्या होगा,
उसकी तस्वीर दिखाता हूँ,

जब मुस्लिम बहुसंख्यक होंगे,
2 विकल्प तुम्हें दिए जाएंगे,
या तो तुम कलमा पढ़ लो,
नही यमलोक तुम्हें पहुंचाएंगे,

औरत बहन तेरी बेटी,
भैया-भैया चिल्लाएगी,
उनकी यही करुण चीखें,
माँ भारती को भी रुलायेंगी,

बंटवारे को रे सेक्युलर,
तू याद जरा सा तो कर ले,
जब देश बंटा था टुकड़े में,
उसे याद जरा अब तू कर ले,

जब मानवता का खून बहा था,
पूर्व-पश्चिम पाकिस्तान में,
30 लाख हिन्दू सिख्ख कटे थे,
दोनों पाकिस्तानों में,

हिन्दू सिख्ख नारी चीख रही थी,
अपनी अस्मत बचवाने को,
क्या कोई मुस्लिम आगे आया,
उनकी अस्मत बचवाने को,

हर मुस्लिम जब बना दरिंदा,
जिंदा जिश्मों को रौंद रहे थे,
मजबूर जहां का मालिक भी था,
असहाय वो खुद को देख रहे थे,

अब मूर्ख सेक्युलर मैं तुझको,
आज़ादी का रंग दिखाता हूँ,
1990 कश्मीर के तुझको,
वो हालात बताता हूँ,

हिन्दू सिख्ख घर इश्तिहार लगे थे,
कि खतना अपना करवा लो,
नही कत्ल तुम्हे होना होगा,
बेशक हमसे लिखवा लो,

गर तुम मुस्लिम नही बने तो,
सारे मारे जाएंगे,
बहन और बेटी यही छोड़ दो,
कश्मीर से तुम्हे भगाएंगे,

हजारों हिन्दू सिख्ख कत्ल हुए,
उस काश्मीर की घाटी में,
मुस्लिम ने खंजर घोपे थे,
हिन्दू सिख्ख की छाती में,

नरसिंहपुरा सिख्ख बहुल गांव में,
32 सिख्खों का कत्ल हुवा था,
80 साल का बुजुर्ग ना छोड़ा,
2 साल के बच्चे का कत्ल हुवा था

हिन्दू सिख्ख घाटी छोड़ गए थे,
अपनी ही जान बचाने को,
क्या भारत में सविंधान नही था,
उनका सम्मान बचाने को,

सुप्रीमकोर्ट था हाइकोर्ट था,
ह्यूमन राइट क्या सोया था,
VP Singh मुफ़्ती मोहम्मद ने,
विश्वास देश का खोया था,

ग़जवा ए हिन्द चल रहा देश में,
रे सेक्युलर क्या तुझे ज्ञान नही,
जब भारत मुस्लिम राष्ट्र बनेगा,
क्या इसका एहसास नही,

अब छोड़ सेक्युलर का चौला,
अब लौट धर्म पर आ मूर्ख,,
जब धर्म तेरा मिट जाएगा,
क्या उस दिन जागेगा मूर्ख

ये अंत ठिकाना है भारत,
फिर हिन्दू कहां पर जाएगा,
गर भारत मुस्लिम राष्ट्र बना ,
हिन्दू धर्म खत्म हो जाएगा ।

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