यह एक बहुत ही गंभीर मामला है
अकेले दिल्ली में 2 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे हैक किए गए हैं,
ये वही कैमरे हैं जो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा चीन से खरीदे गए थे और विरोध के बावजूद भी इसे स्थापित किया गया था।

यह कैमरे चीन से उस समय खरीदे गए थे जब “गैलवान वैली” में हिंसक झड़प हुई थी तथा उसके बाद देश भर में चीनी विरोधी भावना उत्पन्न हुईं थी ।

तभी केंद्र ने चीनी परियोजनाओं को भारतीय परियोजनाओं से दूर रखने के लिए कई उपाय किए थे। तथा भारत ने 59 चीनी मोबाइल एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था जिसमें बायेडेंस के टिकटॉक और टेंशंट के साथ वी चेट शामिल हैं ।

इन कैमरों का निर्माण चीन के डायहुआ और हिकविजन द्वारा किया गया था।

जैसा कि अब यह कैमरे हैक हो चुकें हैं।

तो इनका उपयोग स्नूपिंग टूल के रूप में किया जा सकता है।
इनका “अनधिकृत लिस्टिंग” उपकरणों के रूप में उपयोग किया जाता है।
यह आँखें और कान के रूप में स्थानीयकृत अशांति को भड़काने के लिए उपयोग हो सकते हैं ।
इनका 26/11 जैसे ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
इनका उपयोग अपराध उपकरण असामाजिक तत्व के रूप में हो सकता है।
इससे उच्च मूल्य व्यापार रहस्य की चोरी हो सकती है।
इससे एटीएम आदि में पासवर्ड को कैप्चर किया जा सकता है।
यह एंटी इंडिया फोर्सेज द्वारा एक सर्विलांस है।
यह आतंकी गतिविधियों के लिए आदर्श साबित हो सकता है।
यह हैकिंग घुसपैठ डिवाइस और एंटी इंडिया एजेंसियों के लिए आंखें और कान बन सकते हैं।

यह हमारे भारत देश तथा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है जिसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ अरविंद केजरीवाल तथा उनकी दिल्ली सरकार है।

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