टाटा-अंबानी-गोदरेज के नाम भूल जाइए क्योंकि हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी चौंकाने वाली खबर जिसे पढ़कर आपको भारत में ईसाई मिशनरी की ताकत का पता चलेगा। जी हां 3 लाख करोड़ की संपति वाली संस्था का नाम है सायरो मालाबार चर्च।
10,000 से ज्यादा प्रतिष्ठानों के ऊपर सायरो मालाबार चर्च की मालकियत है। ये सभी संस्थान इसी चर्च के बैनर तले चलते हैं…लिस्ट पढ़िए और यकीन कीजिये…
- 9000 – Priests
- 30,000 – Nuns
- 34 – Dioceses
- 71 – Seminaries
- 3763 – Churches
- 77 – Monasteries
- 4860 Educational Institutions
- 2614 – Hospitals and hospices and clinics
- 50 Lac+ – Members of the Church
- Total number of Establishments – 11,000
CMA नाम की संस्था इस बैनर की सबसे बड़ी संस्था है जिसके अंतर्गत 1514 स्कूल कॉलेज और अनाथालय चल रहे। चर्च की कुल आमदनी और संपत्ति का अगर आकलन किया जाए तो भारत की कोई भी संस्था इसके इर्द-गिर्द नहीं ठहरती है। रोमन कैथोलिक चर्च के अंतर्गत आने वाली इस संस्था के भारत के हर शहर में ऑफिस हैं। चर्च के सभी बड़े सदस्य मलयाली हैं। भारत ही नहीं विश्व के सभी कैथोलिक चर्च में साइबो मालाबार चर्च की संपत्ति और इसकी शक्ति दूसरों से कहीं ज्यादा है।
क्योंकि साइबो मालाबार चर्च माइनॉरिटी टैग के अंतर्गत आता है इसलिए कभी भी कोई पत्रकार बुद्धिजीवी चर्च की संपत्ति और कार्यशैली पर सवालिया निशान नहीं उठाता है। चर्च की संपत्ति देश-विदेश में अगर आंकी जाए तो यह कई सैकड़ों करोड़ में हो सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि न ही यह चर्च और ना ही इसकी कोई भी संस्था किसी भी तरह के टैक्स की अदायगी भारत सरकार को करती है। समझने की बात है कि ईसाई मिशनरीज द्वारा संचालित स्कूलों में फीस इतनी कम इसलिए होती है क्योंकि यह लोग सरकार को किसी भी तरह के टैक्स की अदायगी नहीं करते हैं जबकि इसमें भारत के स्कूल पिछड़ जाते हैं और इसी का फायदा के ताकतें उठाती हैं। जरा 2 मिनट रुक कर और ठहर कर सोचिए कि आखिर हम लोग क्यों अपने बच्चों को मिशनरी स्कूल में पढ़ाते हैं और आज के हिंदू को भविष्य का ईसाई बनने के लिए तैयार करते हैं
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