15 अगस्त को कर्नाटक के शिवमोगा में वीर सावरकर के पोस्टर हटाने जाने का मामला और तूल पकड़ता जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के शिवमोगा जिले में अमीर अहमद सर्कल पर वीर सावरकर की पोस्टर लगाई गई थी जिसपर टीपू सुल्तान सेना के मुस्लिम युवकों को आपत्ति थी और ये लोग उस जगह पर टीपू सुल्तान का पोस्टर लगाना चाहते थे. इसकी वजह से हिंदूवादी संगठनों और टीपू सुल्तान सेना के मुस्लिम युवकों के बीच झड़प हो गई. जिसमें एक हिंदु शख्स के घायल होने की भी खबर है .
Prohibitory orders imposed in #Shivamogga after row between groups installing banners of Hindutva icon VD Savarkar versus a banner of Tipu Sultan.
Cops also probing a stabbing incident, and whether that's related to the tension. @Thoyajakshi1 reports pic.twitter.com/cLIDro6VTR
— Mirror Now (@MirrorNow) August 16, 2022
इधर शिवमोगा में तनाव को देखते हुए पूरे शहर में धारा 144 लगा दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक शिवमोगा के जिलाधिकारी ने मंगलवार को शहर और भद्रावती टाउन लिमिट में स्कूल और कॉलेज बंद रखने का आदेश दिया है. डीएम के आदेशानुसार इन दोनों जगहों पर 18 अगस्त गुरुवार तक धारा 144 लागू रहेगी.
#BREAKING | The #Shivamogga police have arrested two main accused who were responsible for stabbing Prem Singh, a youth who was attacked on Monday.
Listen in. pic.twitter.com/0E9HlqaI5c
— Mirror Now (@MirrorNow) August 16, 2022
वहीं पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एक की पहचान 25 साल के नदीम के तौर पर हुई है और दूसरे की पहचान अब्दुल रहमान के तौर पर हुई है. वहीं बीजेपी और दूसरे हिंदू संगठनों ने वीर सावरकर की पोस्टर हटाने के मामले में विरोध प्रदर्शन कर सावरकर का अपमान करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है.
साभार-सोशल मीडिया
दरअसल इन दिनों कर्नाटक में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने कुछ ज्यादा ही हंगामा मचा रखा है. कुछ महीने पहले मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन पीएफआई की स्टूडेंट विंग के इशारे पर हिजाब विवाद को बढ़ावा दिया गया. इसके अलावा इन कट्टरपंथियों ने कर्नाटक में केवल हलाल मांस के इस्तेमाल को लेकर एक मुहिम चलाई थी. वैसे जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हो तब कर्नाटक में वीर सावरकर की तस्वीर लगाने पर विवाद तो होना ही था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वीर सावरकर के पोस्टर हटाने को लेकर जिन मुस्लिम युवकों पर आरोप है वो सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ता हैं. आपको बता दें एसडीपीआई भी मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन PFI की ही एक शाखा है.
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