WHO IS DEFAMING HINDU FESTIVALS?

Few days back, festival of colors Holi gone. I was in my hometown in Lakhimpur, UTTAR PRADESH. Before the color day I was standing...

कोई भी मजहब या संप्रदाय देश से बढ़कर नहीं

हिंसा और अराजकता के लिए किसी भी सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं होता। कोई भी पंथ या मज़हब आपसी भाईचारे, प्रेम और विश्वास...