19 जनवरी 1990 : उस रात की सुबह होने वाली है

“असि गछि पाकिस्तान, बटव रोअस त बटनेव सान” (हमें पाकिस्तान चाहिए. पंडितों के बगैर, पर उनकी औरतों के साथ.) “जागो जागो, सुबह हुई, रूस...

हम भारतवासियों को अपने पूर्वजों की तरफ से कश्मीरी पंडितों से माफ़ी मांगनी चाहिए।

हम भारतवासियों को अपने पूर्वजों की तरफ से कश्मीरी पंडितों से माफ़ी मांगनी चाहिए। पिछली सहस्त्राब्दी के अंतिम दो दशकों में पैदा होने वाले मेरे सभी दोस्तों से में एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ कि आप में से कितने लोगों को उनके माता-पिता, शिक्षकों और गुरुओं ने कश्मीर पंडितों के भयानक नरसंहार के बारे में कभी भी, किसी तरह की जानकारी दी थी या नहीं ?