अति दुर्लभ ग्रंथ “राघवयादवीयम्”: सीधा पढ़ेंगे तो रामकथा, उल्टा पढ़ेंगे तो कृष्ण कथा

इस ग्रन्थ को ‘अनुलोम-विलोम काव्य’ भी कहा जाता है। इन श्लोकों को सीधे-सीधेपढ़ते जाएँ, तो रामकथा बनती है औरविपरीत (उल्टा) क्रम में पढ़ने पर कृष्णकथा। क्या यह अन्य किसी भाषा में संभव है? नहीं। यही तो संस्कृत की सुंदरता और परिपूर्णता है।