गोस्वामी तुलसीदास और महात्मा गाँधी के रामराज्य को समझिये

रामराज्य   बयरु न कर काहू सन कोई राम प्रताप विषमता खोई दैहिक , दैविक , भौतिक तापा  रामराज्य नहीं काहुहि व्यापा सब नर करहि परस्पर  प्रीति चलहि स्वधर्म निरत श्रुति...