देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब से देश के प्रधानमंत्री बने है तब से यह PIL गैंग सक्रिय हो गई है. बात-बात पर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने की आदत पड़ गई है. चाहे आतंकवादियों को बचाने के लिए हो या हिंदू त्यौंहारों के लिए. आज जब इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ हो गया, तभी भी यह लोग कुछ न कुछ रोड़ा अटकाने में लग गए है. राम मंदिर निर्माण को टालने के लिए इलाहबाद हाई कोर्ट में PIL दाख़िल कर राम मंदिर निर्माण को टालने के लिए अभी भी भरपूर प्रयास कर रहे है. लेकिन कोर्ट ने उनकी इस PIL को खारिज़ कर दिया और तय तारीख़, समय पर ही राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन होगा। वोटों और सता के लिए लोग किस कद्र गिर सकते है वह इनके कारनामों से साफ़ जाहिर हो रहा है. राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट का फैसला भी आया, भूमिपूजन की तारीख़ भी तय हुई और अब भूमिपूजन भी होगा और मंदिर भी बनेगा, यह आज इलाहबाद हाई कोर्ट ने तय कर दिया है.

ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण के लिए पिछली साल नवंबर में फैसला सुनाया था. जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर ट्रस्ट बनाया था. ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के द्वारा ही राम मंदिर निर्माण के लिए सभी फैसले लिए जा रहे है. ट्रस्ट की देखरेख में ही मंदिर निर्माण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को सुबह अयोध्या पहुंचेंगे। नरेंद्र मोदी अयोध्या में हनुमानगढ़ी के दर्शन भी करेंगे, उसके बाद स्थापित राम लला के दर्शन करेंगे और फिर राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे। दरअसल, प्रधानमंत्री कार्यालय को ‘श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट के द्वारा राम मंदिर भूमिपूजन के लिए 2 तारीख़े भेजी गई थी जिसमें 3 अगस्त और 5 अगस्त शामिल थी. जिसके बाद 5 अगस्त को अंतिम किया गया.

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