Forgotten Indian Freedom Fighters भाग 14 : ठाकुर रोशन सिंह

“काकोरी षड्यंत्र” केस में जिन चार क्रांतिकारियों को फाँसी की सजा हुई थी वो थे, रामप्रसाद बिस्मिल जी, रोशन सिंह जी, अशफ़ाक़ जी और...

९३ वें बलिदान दिवस पर काकोरी काण्ड के स्वतंत्रता सेनानियों को सादर नमन

काकोरी की घटना को अंजाम देने वाले आजादी के सभी दीवाने उच्च शिक्षित थे। काकोरी की घटना को क्रांतिकारियों ने काफी चतुराई से अंजाम दिया था। इसके लिए उन्होंने अपने नाम तक बदल लिए। खजाने को लूटते समय क्रांतिकारियों को ट्रेन में एक जान पहचान वाला रेलवे का भारतीय कर्मचारी मिल गया। क्रांतिकारी यदि चाहते तो सबूत मिटाने के लिए उसे मार सकते थे लेकिन उन्होंने किसी की हत्या करना उचित नहीं समझा। उस रेलवे कर्मचारी ने भी वायदा किया था कि वह किसी को कुछ नहीं बताएगा लेकिन बाद में इनाम के लालच में उसने ही पुलिस को सब कुछ बता दिया। इस तरह अपने ही देश के एक गद्दार की वजह से काकोरी की घटना में शामिल सभी जांबाज स्वतंत्रता सेनानी पकड़े गए।