सावन जब अगन लगाये उसे कौन बुझाये: अल्पसंख्यक मन्त्रालय के अटपटे सुझावो की समीक्षा

कभी एक कहानी सुनी थी कि एक सुनार और एक लुहार की दूकान अगल बगल अवस्थित थी। एक बार सुनार की हथौड़ी की मार...

हम भारतवासियों को अपने पूर्वजों की तरफ से कश्मीरी पंडितों से माफ़ी मांगनी चाहिए।

हम भारतवासियों को अपने पूर्वजों की तरफ से कश्मीरी पंडितों से माफ़ी मांगनी चाहिए। पिछली सहस्त्राब्दी के अंतिम दो दशकों में पैदा होने वाले मेरे सभी दोस्तों से में एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ कि आप में से कितने लोगों को उनके माता-पिता, शिक्षकों और गुरुओं ने कश्मीर पंडितों के भयानक नरसंहार के बारे में कभी भी, किसी तरह की जानकारी दी थी या नहीं ?