कविता ये देश बनता है….देशभक्ति पर कविता ये देश नही बनता केवल खेत-खलिहानों से पहाड़ो से या मैदानों से पठारों या रेगिस्तानों से ये देश बनता है….यहाँ बसते इंसानों से। ये... by Kavita Dunia जनवरी 8, 2021जनवरी 8, 2021
कविता ना कोई तुलना ना कोई टक्कर एक अकेले तुलसीदास ना कोई तुलना, ना कोई टक्कर, उन पर निर्भर सारा इतिहास कवि कहें, संत कहें या मसीहा समाज के, सीमित करने का न करें... by Kavita Dunia नवम्बर 21, 2020नवम्बर 21, 2020
संस्कृति हर औरंगजेब को अब मिटा देंगे आज गाने दे मुझको , गीत मातृवंदना के ,मुहब्बत के नगमे, फिर कभी तुझको सुना देंगे || उठ बढ़ा कदम अपनी हिम्मत और विशवास... by Ajay kumar jha जुलाई 19, 2020जुलाई 19, 2020