महादेव ने दिया था महमूद ग़ज़नी को ‘महाकाल’ बनकर उसकी करनी का फल: सोमनाथ हमले के बाद हुए थे असाध्य रोग..सपने में दिखते थे क़त्ल किए पुजारी

शांत शाश्वत शिव ने अपने तरीके से महमूद को उसकी करनी की सजा दी। कहा जाता है कि 1027 में सोमनाथ पर आक्रमण करने के पश्चात ही महमूद को असाध्य बीमारियों ने घेर लिया था और महमूद को रात में सोते वक्त कत्ल किए गए पुजारी सपने में दिखते थे।

वाराहमिहिर : प्राचीन भारत के महान रत्न !!

चंद्रगुप्त विक्रमादित्य भारत के महानतम शासकों में से एक हैं । उनका काल भारतीय सीमा के अपूर्व विस्तार का काल है । इसके साथ...

बड़ा फैसला: ‘हलाल’ धंधे को मोदी सरकार ने ‘झटके’ में किया खत्म

भारत सरकार के ‘कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority)’ APEDA ने अपने रेड मीट...

हे हिंदुओं…उतार फेंको जातिवादी भेड़िए की खाल और शेर बनकर अपने धर्म की रक्षा करो!

आज फिर आंध्रप्रदेश में माता सीता की मूर्ति को किसी ने तोड़ दिया हैं । इससे पहले भगवान श्री राम की 400 साल पुरानी...

कभी सेना पर तो कभी वैक्सीन पर: तुम सबूत ढूंढते रहना, मोदी बीमारी मिटाते रहेंगे

देश में कोरोना की वैक्सीन बन चुकी है मगर कुछ लोग ऐसे हैं जो वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों की प्रतिभा पर ही सवाल उठा...

शेरशाह सूरी ने डरकर कहा था कि,”ख़ुदा का शुक्र है कि किसी तरह फ़तह हासिल हो गई, वरना मुट्ठी भर बाजरे के लिए हिंदुस्तान की बादशाहत ही खो दी थी”

शेरशाह सूरी उर्फ फरीद खान को हर इतिहासकार ने एक बहुत ही बहादुर शासक के रूप में वर्णित किया है। पुस्तकों में भी ये...

“नकली” किसान “नेताओं” को सरकार की कोई बात मंजूर नहीं…

राष्ट्र प्रथम राष्ट्रहित सर्वोपरि 4 जनवरी को भारत सरकार व नकली किसान नेताओं की सातवें दौर कि वार्ता होनी है नतिजा पहले ही बता...

फर्क समझिए: मुनव्वर फारूकी ने भगवान का मजाक बनाया और उसे कोर्ट से मिली कस्टडी, कमलेश तिवारी ने महज टिप्पणी की और उनका सिर कलम किया गया

मुनव्वर फारूकी ने हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाया और कोर्ट के द्वारा उसे 13 जनवरी तक हिरासत में भेजा गया है। बेशक उसे...

इतिहास से आजतक का हर पन्ना: अस्पृश्यता के कोफीन में आखिरी कील ठोकते नरेंद्र मोदी और नया भारत

चांडाल कन्या का यह वर्णन पढ़ कर अनेक प्रश्न पेदा होते है पहले तो यही कि फ़ाहियान के वर्णन से कितना भिन्न है? दूसरे एक बाण एक वात्सायन ब्राह्मण है। उसके द्वारा चांडाल बस्ती का ऐसा वर्णन कर चुकने के बाद चांडाल कन्या का ऐसा ऐश्वर्यशाली वर्णन करने में कुछ संकोच नहीं होता। क्या इस वर्णन का छुआछूत से जुड़ी प्रचंड घृणा की भावना से मेल बैठता है?