दिल्ली दंगाइयों के नाम का बोर्ड हाथों में लेकर चमका रहे चेहरों के बीच में ओसामा को बिन लादेन और भिंडरावाले हँसते हुए देखकर मैं सन्न रह गया ! एक तरफ मक्के दी रोटी और दूसरी तरफ मटन कोरमा और फिर मिल-बाँट कर खाते हुए ठहाका लगाना – मैं तो सोच में पड़ गया हूँ ! ये लोग फिर से जिन्दा कैसे हो गये , कौन छुपा के रखा था अमृत , किसने इनको अब जीवित शरीर दे दिया ? बार-बार मैं इसी तरह के प्रश्नों के बीच में अपने आप को देख रहा हूँ !...