कविता अब ,खतों का मेरे , कोई जवाब नहीं देता हां ,बदल ही गया होगा दस्तूर जमाने का ,अब ,खतों का मेरे , कोई जवाब नहीं देता ॥ सयाने हुए हैं सारे , अब... by Ajay kumar jha अक्टूबर 19, 2020अक्टूबर 19, 2020
कविता मैं नारी हूँ मैं चंदन हूँ , घिस के महक जाऊँगी,मैं हिना हूँ , पिस के भी रंग लाऊँगी ।मैं बाती हूँ, खुद जलूँ तो रोशनी फैलाऊँगी,मैं... by Baishakkhi अक्टूबर 10, 2020अक्टूबर 11, 2020
कविता लड़कियों तुम यूँ न मरा करो ! सुनो !आरुषी,प्रियदर्शनी ,निर्भया ,करुणा ,अरुणा सुनो लड़कियोंतुम यूं न मरा करो , हत्या कर दो ,या अंग भंग ,फुफकार उठो ,डसो ज़हर से,बन करैत,बेझिझक... by Ajay kumar jha अक्टूबर 1, 2020अक्टूबर 1, 2020
कविता हम में एक हनुमान है सागर तट पर खड़े हम, संग वीर धनुर्धारी,राष्ट्रवाद को हर लिए हैं किन्हीं अशुभ बलधारी।खोज रहे हम समाधान, दूर आशा की किरण है,भूल रहे... by Baishakkhi अक्टूबर 1, 2020अक्टूबर 1, 2020