रामराज्य बयरु न कर काहू सन कोई राम प्रताप विषमता खोई दैहिक , दैविक , भौतिक तापा रामराज्य नहीं काहुहि व्यापा सब नर करहि परस्पर प्रीति चलहि स्वधर्म निरत श्रुति...
प्रसंग समुद्र पुल के बनते समय का है । कैसे एक गिलहरी के प्रयास को प्रभु राम ने सम्मानित किया !!!काम कोई छोटा नहीं होता की सीख देता एक प्रसंग और एक आपबीती भी !!