एक बात हर किसी के मन में है पर कहता कोई नही आज फिर से एक समाचार पत्र में पढ़ा एक लड़की के साथ दुष्कर्म किया पर शर्म किसे आनी चाहिए लड़की को । बदनामी किसकी होगी लड़की की अरे भई क्यों ? उसकी गलती क्या ये है की वो अकेले ऑफ़िस से आ /जा रही है ? या वो अपने पैरों पर खड़ी हो कर कंधे से कंधा मिला के चल रही है
कांग्रेस को बस इसी बात से नफ़रत थी कि सुभाष बाबू किस प्रकार नेहरू से भी अधिक लोकप्रिय थे, इसी कारण कांग्रेस जब भी सत्ता में रही उसने सुभाष बाबू को नजरअंदाज किया।