25 दिसंबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुआ तुलसी पूजन दिवस का आयोजन

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के संस्कृत एवं प्राच्यविद्या अध्ययन संस्थान में तुलसी पूजन दिवस का सफलता पूर्वक आयोजन आयुर्वेद बायोलॉजी के छात्रों द्वारा...

सुभाषबाबू ने भारत लौटते ही गांधीजी से तीन प्रश्न पूछे : सौरभ शाह

(newspremi dot com, रविवार, २४ जनवरी २०२१) नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तुलना में पंडित जवाहरलाल नेहरू उम्र में आठ वर्ष बड़े थे. नेहरू...

सुभाष चंद्र बोस को गांधीजी- नेहरू ने स्वीकार किया होता तो? : सौरभ शाह

(न्युज़प्रेमीडॉटकॉम, शनिवार, २३जनवरी२०२१) २३ जनवरी १८९७ को जनमे सुभाष चंद्र जानकीनाथ बोस भारत के उपेक्षित सपूत बन गए, इसका कारण उनके द्वारा गांधीजी का...

मित्र और शत्रु को पहचानते थे सरदार वल्लभ भाई पटेल

स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरू व प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल में आकाश-पाताल का अंतर था। यद्यपि दोनों ने इंग्लैण्ड जाकर बैरिस्टरी की डिग्री प्राप्त की थी परंतु सरदार पटेल वकालत में पं॰ नेहरू से बहुत आगे थे तथा उन्होंने सम्पूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य के विद्यार्थियों में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया था। नेहरू प्राय: सोचते रहते थे, सरदार पटेल उसे कर डालते थे। नेहरू शास्त्रों के ज्ञाता थे, पटेल शस्त्रों के पुजारी थे। पटेल ने भी ऊंची शिक्षा पाई थी परंतु उनमें किंचित भी अहंकार नहीं था। वे स्वयं कहा करते थे, "मैंने कला या विज्ञान के विशाल गगन में ऊंची उड़ानें नहीं भरीं। मेरा विकास कच्ची झोपड़ियों में गरीब किसान के खेतों की भूमि और शहरों के गंदे मकानों में हुआ है।" पं॰ नेहरू को गांव की गंदगी, तथा जीवन से चिढ़ थी। पं॰ नेहरू अन्तरराष्ट्रीय ख्याति के इच्छुक थे तथा समाजवादी प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।