कविता एक लिबरल को देखा तो ऐसा लगा.. एक लिबरल को देखा तो ऐसा लगा जैसे सूअर का रूप जैसे स्वरा कुरूप जैसे ... by Brijesh जनवरी 17, 2021जनवरी 18, 2021
संस्कृति हर औरंगजेब को अब मिटा देंगे आज गाने दे मुझको , गीत मातृवंदना के ,मुहब्बत के नगमे, फिर कभी तुझको सुना देंगे || उठ बढ़ा कदम अपनी हिम्मत और विशवास... by Ajay kumar jha जुलाई 19, 2020जुलाई 19, 2020
संस्कृति जागो भ्रम से हे चिरजीवी यज्ञ प्रहरी हे अरुंधति हे पितृस्थलहे कुंडलिनी हे वेदमान हे भागीरथी हे गंगाजलजागो भ्रम से अब अभ्युदय, कैलाश तुम्हारी आस में हैकल्पतरु की... by Arpita Sen जून 12, 2020जुलाई 22, 2020