नरोत्तम मिश्रा ने कहा, मध्यप्रदेश ‘फ्रीडम ऑफ रिलिजन बिल, 2020’ को विधानसभा में पेश करने की तैयारी कर रहा है। यह पांच साल के कठोर कारावास का प्रावधान करेगा। हम यह भी प्रस्ताव कर रहे हैं कि ऐसे अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए।
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सानिध्य में युवा नेताओं के बीच गांधी परिवार के खिलाफ बगावत की सुगबुगाहट सुलग रही है। हाल ही के उप चुनावों में कांग्रेस को मिली हार ने इस सुगबुगाहट को और चिंगारी दे दी है।
कोई विचारधारा जब खुद के अतिरिक्त किसी और के अस्तित्व को स्वीकार नहीं कर पाती है तो उसका हिंसक हो जाना ही उसकी अंतिम परिणति होती है. वामपंथ के झंडे तले समय समय पर उगने वाली दर्जनों विचारधाराओं में यह दोष व्याप्त रहा है. वे अपने नाकारा सिद्ध हो चुके सिद्धांतों की आड़ लेकर सबको गलत घोषित करती हैं और एक सीमा के बाद हिंसा के माध्यम से अपने विरुद्ध उठने वाली आलोचना के हर आवाज को जड़ से समाप्त करने निकल पड़ती हैं.