नहीं बदलेगा तालिबान, हाथ – पैर काटे जाने जैसी क्रूर सजा की जल्द अफगानिस्तान में होगी वापसी

तुराबी की बयान ये साफ इशारा करती हैं कि तालिबान अभी भी अपनी कट्टरपंथी सोच और रूढ़िवादी संकीर्ण मानसिकता से बाहर नहीं निकाल पाया है.

The Battle of Plassey

‘प्लासी एक ऐसा सौदा था – जिस जंग ने भारत के इतिहास को बदल कर रख दिया

प्लासी की लड़ाई 23 जून, 1757 को अंग्रेजों और बंगाल के तत्कालीन नवाब सिराजुद्दौला के बीच प्लासी नामक स्थान पर हुई थी। जिसमें रॉबर्ट...

सॉरी : नो साड़ी प्लीज ! मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान :रेस्त्रां को नोटिस

क्या आपको हमको पता है कि , देश की राजधानी दिल्ली में भी ऐसे होटल रेस्त्रां हैं जहाँ भारतीय परिधानों को पिछड़ा और सलीकेदार...

ऐसे मुसलमान बनाता था मौलाना: ATS से पूछताछ में मौलाना कलीम सिद्दकी ने उगले ‘जहन्नुम की आग’ के राज़…

देश भर में धर्मांतरण का रैकेट चलाने का आरोपी मौलाना कलीम सिद्दीकी विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक को अपना आइडियल मानता है…वह धर्मांतरण के...

Altnews के प्रतीक सिन्हा ने उड़ाया गणेश भगवान का मजाक : शिकायत दर्ज़ ,गिरफ्तार करने की माँग

हिन्दुओं के किसी पर्व त्यौहार पर , कुछ कुंठित मानसिकता वाले और सनातन से नफरत करने वाले फौरन ही कुछ ऐसा विष वमन करते...

सऊदी सरकार द्वारा मक्का मदीना में 10 सिनेमाहॉल खोले जाने का विरोध : मुंबई में भी विरोध प्रदर्शन

दुनिया में जहां एक तरह तुर्की और तालिबान जैसी कट्टर ताकतें अपना प्रभुत्व बढ़ा रही हैं वहीँ सऊदी अरब जैसे देशो ने मानों उदारवाद...

दिल्ली: छात्राओं ने अकीला रेस्ट्रॉन्ट में साड़ी पहनकर किया प्रवेश, रेस्टोरेंट ने मांगी माफी

साड़ी पहने महिला के अपमान के विरुद्ध अभाविप की छात्रा कार्यकर्ताओं ने भारतीय परिधान में किया प्रदर्शन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भारी संख्या...

राजा हरी सिंह जी का ऐतिहासिक योगदान

26 अक्तूबर, 1947 का दिन भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक महत्त्व रखता है। इसी दिन जम्मू-कश्मीर रियासत के महाराजा हरिसिंह ने आपातकालीन परिस्थितियों में...

केरल में मोपला के दंगे ‘जिहाद’ ही था ! – अधिवक्ता कृष्ण राज

‘मोपला दंगे : हिन्दू नरसंहार के 100 वर्ष !’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद !  ‘1921 मे हुए मोपला के दंगे की पृष्ठभूमि पहले...

गर्व कीजिए अपने पुरखों पर: अतुल्य भारत के अशिक्षित किसानों की उन्नत सोच और हमारी सभ्यता की मानवीय संवेदना..!

हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होता था तो किसान कुछ देर के लिए हल चलाना बन्द करके बैल के मल-मूत्र त्यागने तक खड़ा रहता था ताकि बैल आराम से यह नित्यकर्म कर सके, यह आम चलन था