UP के चप्पे चप्पे पर होगी योगी की नज़र: जमीनी हालात का जायज़ा लेने के लिए योगी आदित्यनाथ अब सड़क से किया करेंगे दौरा
यूपी में शासन व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए योगी आदित्यनाथ कटिबद्ध हैं। इसी कड़ी में अब CM योगी ने तय किया है...
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उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड के दौरान हिरासत में लिए केरल के स्वघोषित पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique Kappan) की रिहाई को लेकर यूपी सरकार...
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश विकास के तमाम आयामों को छू रहा है। इसी कड़ी में यूपी में अब अमेरिका में बसे...
अकबरुद्दीन ओवैसी को भी ये समझना चाहिए कि वो लाख निजाम के कदमों पर चलने की नापाक कोशिश करे मगर गुजरात के बेटे सरदार पटेल की तर्ज पर देश की कमान आज भी 2 गुजराती बेटों के हाथ में है जो निजामशाही और ओवैसी जेहनियत को हिंदुस्तान के खाके में कहीं से भी फिट नहीं बैठने देंगे।
स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरू व प्रथम उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल में आकाश-पाताल का अंतर था। यद्यपि दोनों ने इंग्लैण्ड जाकर बैरिस्टरी की डिग्री प्राप्त की थी परंतु सरदार पटेल वकालत में पं॰ नेहरू से बहुत आगे थे तथा उन्होंने सम्पूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य के विद्यार्थियों में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त किया था। नेहरू प्राय: सोचते रहते थे, सरदार पटेल उसे कर डालते थे। नेहरू शास्त्रों के ज्ञाता थे, पटेल शस्त्रों के पुजारी थे। पटेल ने भी ऊंची शिक्षा पाई थी परंतु उनमें किंचित भी अहंकार नहीं था। वे स्वयं कहा करते थे, "मैंने कला या विज्ञान के विशाल गगन में ऊंची उड़ानें नहीं भरीं। मेरा विकास कच्ची झोपड़ियों में गरीब किसान के खेतों की भूमि और शहरों के गंदे मकानों में हुआ है।" पं॰ नेहरू को गांव की गंदगी, तथा जीवन से चिढ़ थी। पं॰ नेहरू अन्तरराष्ट्रीय ख्याति के इच्छुक थे तथा समाजवादी प्रधानमंत्री बनना चाहते थे।
एक दौर था जबकि सुलेख पर बहुत ध्यान दिया जाता था. अब एक दौर ऐसा आया है जबकि लिखने पर ही बहुत ध्यान नहीं...
यह एक बहुत ही गंभीर मामला है अकेले दिल्ली में 2 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे हैक किए गए हैं, ये वही कैमरे हैं...
बाला साहब ठाकरे जिन्हें कभी सनातनियों और राष्ट्रवादियों ने देश और हिन्दू धर्म के प्रति उनकी निष्ठा और समर्पण के कारण “हिन्दू ह्रदय सम्राट...
मलाला युसुफ़ज़ई – प्रेरणा कम साजिश ज्यादा, आतंकवाद को लेकर हमेशा रहा दोगलापन, ग्लोबल अशांति की रही समर्थक..!! नोबल पुरस्कार के नाम पर अभी...
दिल्ली सहित पूरे देश को नागरिकता संशोधन विधेयक की आड़ में दंगों , आगजनी और फसाद में झोंकने के पीछे , हाथरस मामले को...