असमंजस

बड़ी असमंजस में हूँ आजकि आख़िर सुनूँ तो किसकी सुनूँएक तरफ़ अम्बर के वृहद् विस्तार मेंपेड़ों के पार्श्व में अँटकाकृष्णपक्षी प्रतिपदा का चाँद हैदूसरी...

किसान

प्रश्न चिन्ह सा प्रतीत होता है वह ,ढलते सूरज संग ढल रहा कदाचित किसी का सम्मान है।क्षितिज धरा पे निराश, जीवित मगर ढाँचे सा,बैठा जीवन...

जागो भ्रम से

हे चिरजीवी यज्ञ प्रहरी हे अरुंधति हे पितृस्थलहे कुंडलिनी हे वेदमान हे भागीरथी हे गंगाजलजागो भ्रम से अब अभ्युदय, कैलाश तुम्हारी आस में हैकल्पतरु की...

पत्थर

~ अवतंस कुमार लोग कहते हैं पत्थरों पर निशान बनाना मुश्किल हैपर मैंने पत्थरों पर लकीरें खिंची देखी हैंप्रकृति की कलाकारी भी देखी है...

अब हथियार नहीं ‘ प्रचार तंत्र ‘ से हमलों का युग

सचमुच हथियारों के कारखाने घाटे में हो जायेंगे | हथियारों पर जंग लग जाएगी और तकनीक पुरानी पड़ जाएगी | हथियारों के बजाय हमलों...

प्रधानमंत्री इ-विद्या योजना की सार्थकता: सांस्कृतिक विरासत

कोरोना की वजह से दुनिया का स्वरुप बदल रहा है, बदलाव ब्यक्ति और समाज की सोंच में भी हुआ है, और इसका असर आनेवाले समय में और साफ दिखाई देगा.

लोकल से ग्लोबल: ग्राम स्वराज की शुरुवात

पिछले दिनों प्रधानमंत्री के द्वारा लोकल से ग्लोबल की बात कही गयी. यह सोच तो उल्टी गिनती जैसी लग रही है. पिछले ७० वर्षो में भारत ने ग्लोबल से लोकल की लकीर पर रेंगता रहा.