प्रधानमंत्री इ-विद्या योजना की सार्थकता: सांस्कृतिक विरासत
कोरोना की वजह से दुनिया का स्वरुप बदल रहा है, बदलाव ब्यक्ति और समाज की सोंच में भी हुआ है, और इसका असर आनेवाले समय में और साफ दिखाई देगा.
कोरोना की वजह से दुनिया का स्वरुप बदल रहा है, बदलाव ब्यक्ति और समाज की सोंच में भी हुआ है, और इसका असर आनेवाले समय में और साफ दिखाई देगा.
पिछले दिनों प्रधानमंत्री के द्वारा लोकल से ग्लोबल की बात कही गयी. यह सोच तो उल्टी गिनती जैसी लग रही है. पिछले ७० वर्षो में भारत ने ग्लोबल से लोकल की लकीर पर रेंगता रहा.
पहला, दुनिया में दो विचारधाराओ ने पूरे विश्व की राजनीति और आर्थिक ब्यस्था को अपने सांचे में ले लिया. एक पूंजीवादी और दूसरा समाजवादी. किसी तीसरे मॉडल को पनपने की गुन्जाईस ही नहीं छोड़ी