‘मोदी सरकार’ अगर सही में ‘फ़ासिस्ट’ होती तो … !!!

? ‘मोदी सरकार’ अगर सही में ‘फ़ासिस्ट’ होती तो आर्डिनेंस लाकर “राम मंदिर” का निर्णय कर सकती थी जबकि ऐसा नहीं हुआ, सरकार ने सुप्रीम...

लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु से जुड़े सवालों के जवाब खोजती किताब : Your Prime Minister is Dead

सोशल मीडिया पर फ़िलहाल सुशांत सिंह राजपूत की तथाकथित “आत्महत्या” का मुद्दा छाया हुआ है । उनका पार्थिव शरीर , उन्हीं  घर में पाया...

वामपंथ वहीं है, जहां दूसरे विचारों के लिए जगह नहीं है

भूपेंद्र यादव कुछ विषय, कुछ लेख, कुछ कथाएं तथा कुछ किताबें सिर्फ इसलिए नहीं लिखी जातीं क्योंकि उनका उद्देश्य किसी को बेनकाब करना होता है। वे इसलिए...

केजरीवाल का धोखा : चुनाव से पहले शरजील को अरेस्ट करने की मांग, चुनाव के बाद शरजील पर केस चलने से रोका

27 जनवरी 2020, दिल्ली की वोटिंग से ठीक दस दिन पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा था कि शरजील इमाम ने देश...

राजस्थान सियासी संकट: भाजपा की दोहरी दुविधा

मुख्यमंत्री कुर्सी हासिल करना पायलट की महत्वकांक्षा नहीं, बल्कि हक था क्योंकि कहीं न कहीं जनमत की भी यही मर्ज़ी थी। कांग्रेस से मिले इस झटके को पायलट फिर भी सहन कर गए पर उनमें और गहलोत में उसी वक़्त ही ठन गयी थी जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश की राजनीति आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर आ खड़ी हुई है।

लव – जिहाद का घिनौना सच

धर्मनिरपेक्षता के तथाकथित ठेकेदार जो लगभग हर रोज गंगा- जमुनी तहजीब की मिसाल देते फिरते हैं वो यह कतई स्वीकार नहीं करेंगे कि “लव -जिहाद” एक ऐसा भयानक सच है जिसने हज़ारों हिन्दू परिवारों के खुशियो की बलि ले ली है।