मूर्ख चेतन भगत, हिंदुओं की औकात नहीं होती तो गहनों का विज्ञापन दीवाली पर नहीं ईद पर आता

देश बदल चुका हैं। हिंदुओं को अपनी कन्जयूमर शक्ति का अहसास हैं। आप हिंदुओं को गाली देकर ना मूवी चलवा सकते, ना किताब बिकवा...

अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत

सम्पूर्ण दुनिया के साथ- साथ भारत भी वैश्विक महामारी से जूझ रहा है, स्वाभाविक रूप से जन संख्या बोझ में दबे भारत में साधनों-संसाधनों...

आसान नहीं होगा सुशांत सिंह की मौत को आत्महत्या कह कर जान छुडा लेना

सुशांत सिंह राजपूत की संदेहास्पद स्थितियों में मिली मृत देह की सूचना -? ये था वो प्रश्न जिसे हल किया जाना जरूरी था | धीरे धीरे ये भी पता चल रहा है कि ,क्यूँ जरूरी था ? एक हादसा /अपराध/घटना/दुर्घटना जो भी था ये , उसका सच जानने का अधिकार दुनिया में सबका है सबका |

ब्रिटिश हुकूमत के अधिकारी की बनाई कांग्रेस पार्टी की दोगलनीति!

करौली में पुजारी की हत्या को लेकर बीजेपी की आलोचनाओं का सामना कर रही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अब उनके ही...

“न्याय कभी एकतरफ़ा नही हो सकता”

न्याय कभी एकतरफ़ा नही हो सकता… युवा कांग्रेस की तत्कालीन महिला पदाधिकारी द्वारा युवा दलित की उत्पीड़न की मेरी सच्ची कहानी… हिन्दी के सबसे प्रख्यात...

तनिष्क से पूछिए… ‘Love जिहाद’ विज्ञापन में बाकी की बीवियां कहाँ हैं? त्यौहार हमारे.. मार्किट हमारी..खर्च हमारा..मध्यवर्गीय माहौल हमारा…मगर मज़हब दूसरा, ऐसा क्यों?

विज्ञापन में बहुत चालाकी से मध्यवर्गीय हिंदू परिवार का माहौल रचा गया है। त्यौहार आने वाले हैं, इसलिए ऐसा माहौल बनाया गया है..मां जी शब्द लिया गया है...बाजार पर मध्यवर्गीय हिंदू वर्ग के पास खरीदारी की ताकत है..इसलिए ये 'लव जिहाद' का कुटिल तिलिस्म रचा गया है।

राम स्वरूप जी : क्या इस मनीषी को इतनी जल्दी भूल जायेगा भारत?

कल रामस्वरूप जी की जन्मतिथि थी. साधारण जन्मतिथि भी नहीं बल्कि जन्म शताब्दी वर्ष लेकिन कल के सन्नाटे ने एक प्रश्न खड़ा कर दिया...