ड्रोन हमलों के बीच आर्मीनिया की एक बहादुर मां की गाथा: काराबाख डायरी पांचवां दिन

जाने माने पत्रकार अभिषेक उपाध्याय हर रोज आर्मीनिया से युध्ह का आँखों देखा हाल लिख रहे है. अभिषेक देश के अकेले बड़े पत्रकार हैं जो इस...

राष्ट्रवादी भी,हिन्दू भी,निडर भी– रास्ता कौन सा।

यह कर्नल पुरोहितकी तरह राष्ट्रवादी भी है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की तरह हिन्दू भी, डर से बेखौफ, डराने से डर नही रहा। सत्ता ही...

आर्मीनिया की जंग : सभ्यताओं का संघर्ष

जाने माने पत्रकार अभिषेक उपाध्याय हर रोज आर्मीनिया से युध्ह का आँखों देखा हाल लिख रहे है. अभिषेक देश के अकेले बड़े पत्रकार हैं...

अमित शाह : वीर सावरकर के सपनों को पूरा करता एक कर्मयोगी

आज अमित शाह जी का जन्मदिन हैं। उनकी अद्भुत राजनैतिक यात्रा, अद्वितीय पराक्रम से भरा जीवन और उनके राष्ट्र दर्शन पर कपिल मिश्रा का...

भुला दिया गया है भारत का वास्तविक “पहला प्रधानमंत्री”

21 अक्तूबर 1943 के दिन सिंगापुर के कैथी सिनेमा हॉल में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस “आरज़ी हुकुमत-ए-आज़ाद हिन्द” की स्थापना की घोषणा करते हैं। स्वाभाविक रुप से नेताजी स्वतंत्र भारत की इस अन्तरिम सरकार (Provisional Government of Free India) के प्रधानमंत्री, युद्ध एवं विदेशी मामलों के मंत्री तथा सेना के सर्वोच्च सेनापति चुने जाते हैं।