जब कुराना, बाइबला, अकबरा, किंग बाबरा नहीं तो रामजी ‘Rama’ कैसे बन गए? कांगी-वामी-चिंटू मीडिया की कलई खोलता लेख…
ये कहना कि हमारे गौरांग शासकों ने सनातन धर्म के लिये कुछ नहीं किया, पूर्णतया असत्य है। उन्होंने सनातन धर्म को अकारान्त शब्दों के...
ये कहना कि हमारे गौरांग शासकों ने सनातन धर्म के लिये कुछ नहीं किया, पूर्णतया असत्य है। उन्होंने सनातन धर्म को अकारान्त शब्दों के...
क्या ब्राह्मण समाज की संस्थाएं या संगठन मर चुके हैं या मृत अवस्था में है जहां तक बाद का कोई धर्म नहीं होता वहां...
किसान आंदोलन धीरे-धीरे खबरों से गायब होता दिख रहा था मगर कल एक बार फिर किसान आंदोलन सुर्खियों में था और वजह थी संत...
भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों की जब भी चर्चा होती है तो प्रत्येक देशवासी के मन में यही भावना रहती है कि देश...
केरल के कमाल के पीछे बीजेपी की सोशल इंजीनियरिंग प्रमुख मुद्दा मानी जा रही है जिस तरह से भगवा पार्टी ने सुदूर दक्षिण के...
छोटी-से-छोटी जीत भी तब ऐतिहासिक महत्त्व रखती है, जब वह दुश्मन के किले में घुसकर फ़तेह की जाती है। शिवाजी के लिए जैसे सिंहगढ़...
छोटी-से-छोटी जीत भी तब ऐतिहासिक महत्त्व रखती है, जब वह दुश्मन के किले में घुसकर फ़तेह की जाती है। शिवाजी के लिए जैसे सिंहगढ़...
१९२८ में साइमन कमीशन के बहिष्कार के लिये भयानक प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में भाग लेने वालों पर अंग्रेजी शासन ने लाठी चार्ज भी किया। इसी लाठी चार्ज में आहत होकर लाला लाजपत राय जी की मृत्यु हो गई थी, क्रांतिकारियों के सब्र का बांध टूट गया और लालजी की मौत का बदला लेने का प्रण किया गया। 18 दिसम्बर 1928 को लाहौर नगर में जगह–जगह परचे चिपका दिए गए कि लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला ले लिया गया। समस्त भारत में क्रान्तिकारियों के इस क़दम को सराहा गया।
भगवान श्री राम के अनन्य भक्त थे दसवें गुरु श्री गोविंद सिंह जी... अयोध्या की रक्षा के लिए गुरुजी की निहंग सेना और चिमटा धारी संतों की सेना ने साथ मिलकर मुगल शासक औरंगजेब को धूल चटा दी थी।
लोकतंत्र के घटक है ये लोग, कहीं ना कहीं लोकतंत्र अगर जिंदा है तो ऐसे नागरिकों की वजह से जिंदा है जी हां ये...