वामिस्लामी कामरेड राणा अय्युब और उसका साथी कार्ल विक टाइम्स मैगजीन मे देश के प्रधानमंत्री का अपमान करते और शाहीनबाग की “दादी” को “आंदोलनकारी” लिखते हैं
एक 82 वर्षीय महिला बिलकीस के कंधे पर बंदूक रख वामिस्लामी राणा अय्युब ने एक बार फिर देशविरोधी अजेंडा चलाया, वहीं उसका साथी कामरेड कार्ल विक ने भारत के प्रधान मंत्री मोदी जी का औपचारिक परिचय भी अपमानजनक ही लिख रहा। टाइम्स ने वर्ष 2020 के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची जारी की, जिसमे वामपंथी कामरेडों की कृपा से शाहीन बाग की एक 82 वर्षीय “दादी बिलकीस” का नाम भी शामिल किया गया।
पत्रकारिता के नाम पर भारत विरोधी एवं हिन्दू विरोधी प्रोपगेंडा चलाने वाली “वामिस्लामी कामरेड” राणा अय्यूब और उसके साथी कार्ल विक ने टाइम्स की इस 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची मे क्रमशः “दादी बिलकीस” और प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के बारे मे लेख लिखा और बड़ी चतुराई से वामपंथियों के फर्जी नैरेटिव का प्रचार किया और एक बार फिर अंतराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष हमारे देश को बदनाम करने की साजिश रची। लेख मे आगे हम राणा अय्युब और उसके साथियों के लेखों को ही प्रमाण के रूप मे आपके समक्ष रखेंगे।
वामिस्लामी साज़िशों का, यही एक फसाना है
शहरों को जलाना है, शरीफाई भी दिखाना है
ऐसा ही कुछ शाहीन बाग मे हुआ जहां लगातार भारत विरोधी, हिन्दू विरोधी, समाज विरोधी एवं मानवता विरोधी बयान बाज़ियाँ चलीं। CAA “कौम” के लिए खतरा है नामक एक झूठ रच साम्प्र्दायीक दंगे उकसाये गए, देश के उत्तरपूर्वी हिस्से को अलग करने की बात हुई, हिन्दू विरोधी पोस्टर लगाए गए, कश्मीरी हिंदुओं के जख्मों पर नमक रगड़ा गया, और ना जाने क्या क्या, कितने प्रपंच रखे गए अगर सभी लिखने बैठे तो एक ग्रंथ बन जाएगा।
क्या आज के पहले किसी ने शाहीन बाग की दादी बिलकीस का नाम भी सुना था?
शाहीन बाग मे ना जाने कितने देश विरोधी, समाज विरोधी, भारत विरोधी षड्यंत्र रचे गए। शाहीन बाग ही दिल्ली एवं देश भर हुए हिन्दू विरोधी दंगों का बेस बना। अब इन सभी अपराधों को छिपाने के लिए एक नया चेहरा 82 साल की बिलकीस दादी के रूप मे लाया गया, उसे विश्व के 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट मे डाला गया, ताकि शाहीन बाग के असली अपराधियों को क्रांतिकारी के रूप मे दर्शाया जा सके, कुल मिला के शाहीन बाग एक देश विरोधी साजिश थी जिसे एक जन-आंदोलन/ क्रान्ति इत्यादि की संज्ञा दे देश विदेश मे महिमामंडन किया जा रहा।
इस उदाहरण को देख समझ जायीए वामपंथियों ने इसी प्रकार हमारा इतिहास बदला है।
टाइम्स की वर्ष 2020 के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची मे वामपंथीयों के भारत विरोधी अजेंडे
1- राणा अय्युब:
विदेशी मीडिया मे भारत विरोधी प्रोपगेंडा चलाने वाली “वामिस्लामी कामरेड” राणा अय्युब ने ही टाइम्स मैगजीन मे शाहीन बाग की दादी बिलकीस का औपचारिक परिचय लिखा, परंतु मोदी सरकार के प्रति घृणा और अपने दुराग्रहों से, साम्प्र्दायीक विचारों से मुक्त नहीं हो पायी। लेख के महत्वपूर्ण बिन्दु जिस पर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते, इमेज मे लाल रेखाओं से हाइलाइट कर दिया :
- शाहीन बाग एक शांतिपूर्ण जन आंदोलन था
- यहाँ क्रांति के गीत और तिरंगा फहराया गया
- मोदी सरकार का CAA बिल राष्ट्र विरोधी है
- CAA मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध षड्यंत्र है
- शाहीन बाग प्रतिरोध का प्रतीक है क्यूंकी
- यहाँ बहुसंख्यक अल्पसंख्यकों पर जुल्म करते
एक छोटे से औपचारिक परिचय मे बिलकीस के बारे मे केवल दो लाइन लिखी लेकिन बड़ी चतुराई से हमारे देश को भी बदनाम कर दिया। एक बार फिर सीएए को लेकर भ्रम फैलाया और लिखा कि मोदी सरकार ऐसा कानून ले आई है जिसके कारण मुस्लिमों के लिए देश की नागरिकता पाने का रास्ता बंद हो सकता है, साथ ही बहुसंख्यक हिन्दू समाज को बदनाम करते हुए माइनॉरिटि कार्ड भी खेल दिया। यहाँ राणा के लेख के अंश संलग्न कर रहे आप लोग स्वयं देखिये और निर्णय लीजिये।
2- कार्ल विक:
टाइम्स की 100 विश्व के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों मे भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का नाम है। यहाँ कार्ल विक नाम के लेखक ने उनका औपचारिक परिचय लिखा, दुर्भाग्य से वो भी राणा अय्युब का ही साथी वामपंथी ही निकला। राणा की तरह उसने भी एक छोटी से टिप्पणी मे प्रधान मंत्री जी का परिचय लिखने के बजाए वामपंथियों के अजेंडे ही चलाये, जैसे:
- मोदी जी एक अति हिंदुवादी नेता है, इसलिए माइनॉरिटि को देश मे डर लगता है
- ईसाई, मूसलमान, सिक्ख, जैन, बौद्ध, सभी समुदायों को मोदी जी ने संशय मे रक्खा
- जिन लोगों ने भाजपा, मोदी जी को वोट नहीं दिया उनकी सुरक्षा का क्या होगा?
- भाजपा बहुसंख्यक हिंदुओं की पार्टी है, मुसलमानो को टार्गेट करती रहती
उपरोक्त बिन्दु पढ़ने के बाद क्या आपको लगता है ये वामपंथी मोदी जी का परिचय दे रहा या हमारे देश, देशवासियों, संस्कृति का अपमान कर रहा? एक छोटी सी टिप्पणी मे कितनी घृणा, कितने सारे फर्जी अजेंडे चला दिये, यही इन वामपंथियों की विशेषता है। प्रमाण के रूप मे कार्ल का लेख संलग्न है, सभी बिदुओं को लाल रेखा से हाइलाइट किया हुआ है।
विचार करें:
- दो लेखकों ने दो अलग अलग व्यक्तियों के बारे मे लेख लिखा लेकिन दोनों मे समानता क्या थी?
- आखिर दो लेखक, दोनों की सोच अलग, लेकिन एक ही तरीके की टिप्पणी कैसे लिख सकते?
- हमारे देश, देशवासियों और समाज के बारे मे आखिर क्यूँ ये लोग झूठा प्रपंच रचते?
- जिस बिलकीस का भारत मे कभी कोई नाम तक नहीं सुना, वो अचानक से विश्व की सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों मे कैसे शामिल हो गई।
ये एक तरह से इतिहास का पुनरलेखन किया जा रहा। शाहीन बाग के अपराधियों को बचाने के लिए बिलकीस नामक एक चेहरा सामने लाया गया और पूरे हिन्दू और भारत विरोधी षड्यंत्र को एक आंदोलन का रूप दे दिया गया। हम इसी लिए वामपंथियों को देश मे लगी दीमक कहते, जो हमारे देश की जड़ों को धीरे धीरे खोखला कर रहे। सावधान रहें, सतर्क रहें और इन वामपंथियों की सभी चालों को विफल करें।
जय हिन्द!
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