चीनी वायरस जिसके अनेक म्यूटेंट बताए जा रहे है उनमें से ब्रिटिश स्ट्रेन और कैलिफोर्निया स्ट्रैन दो अन्य स्ट्रेन बताए गए है। आजकल इनको मिलाकर जन्मे नए चीनी म्यूटेंट को डबल म्यूटेंट या भारतीय म्यूटेंट कह कहा जा रहा है, जो देश को तेजी से अपनी गिरफ्त में ले रहा है! लेकिन एक प्रश्न यह भी उठता है कि मीडिया इसे भारतीय म्यूटेंट क्यों कह रहा है ? जब चीन में जन्मे वायरस को चाइनीज वायरस या वुहान वायरस कहना नस्लीय टिप्पणी हो सकती है फिर भारतीय म्यूटेंट कहना नस्लीय क्यों नहीं?
मौजूदा समय में हमारा देश वैश्विक महामारी की दूसरी घातक लहर (चीनी डबल म्यूटेंट) का सामना कर रहा है। चिंता की बात यह हैं, कि कोविड के साथ-साथ भारत सहित पूरी दुनिया एक और महामारी से भी जूझ रही है, जिसे इंफोडेमिक या सूचना महामारी) कहा जा रहा है। जहां एक ओर सही सूचनाएं आम लोगों की चिंताओं को कम करती है, वहीं दूसरी ओर डिजिटल माध्यम से फैलनेवाले दुष्प्रचार और अधकचरी जानकारियां लोगों की परेशानियां बढ़ाने की वजह बनती हैं। दुनिया भर में कोरोना से जुड़ी अफवाह के कारण हजारों लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है। इस सूचना महामारी के चलते कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कोविड की गंभीरता और प्रभाविता को कम करके आंकते हैं। साथ ही, इससे बचाव के उपायों की भी अनदेखी करते हैं, और यहां तक कि इसके वजूद को ही नकारते हैं। मसलन ऐसे मिथकों और कपोल कल्पित सिद्धांतों को इंटरनेट मीडिया के विविध प्लेटफॉर्म के जरिये कुछ लोगों द्वारा खूब प्रचारित-प्रसारित भी किया जा रहा है, जिनमें उसकी उत्पत्ति से लेकर शत-प्रतिशत ठीक होने के नुस्खे भी बताऐ जाते है! वैक्सीन के लिए भी दुष्प्रचार किया जा रहा है, कि यह असुरक्षित हैं, और इसके लगाने से और ज्यादा परेशानियां पैदा होगी, अस्पतालों में स्थान का अभाव, दवाओं का अभाव, ऑक्सीजन की कमी, श्मशान भूमि की विकराल स्थिति का गलत चित्रण भी किया जा रहा हैं!धूमपान, शराब और गांजा के सेवन से कोरोना से बचा जा सकता है, कोरोना ‘फाइव जी टेस्टिंग’ का परिणाम है वगैरह- वगैरह। सरकारों पर भी दोषारोपण हो रहा हैं! जबकि सरकारें उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग कर रही हैं, हम हमारी जिम्मेवारी अफवाहों पर नियंत्रण और ? पर रहकर जरूरत मंदों की यथासंभव मदद कर कोरोना पर विजय पाने का प्रयास करे! सरकार अपने स्तर पर काम करेगी तभी वैश्विक महामारी पर विजय पाने में हम सफल होंगे!
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.