किसानों के आंदोलन के नाम पर आज खुलकर खेला गया आतंकी एजेंडा

ये शॉकिंग तस्वीरें 10 दिसंबर यानी गुरुवार दोपहर दिल्ली के तिकरी बॉर्डर की है. यहां किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) ने एक कार्यक्रम किया था. 10 दिसंबर को पड़ने वाला मानवाधिकार दिवस मनाने के लिए. इस मौके पर आतंकियों और नक्सलवादियों के परिवारों ने मंच पर अपने अनुभव बताए. सरकार के रवैये पर विचार सामने रखे. इनमें प्रमुख थे जेल में बंद एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता. कार्यक्रम में अलग-अलग आरोपों में NSA और UAPA के तहत जेल भेजे गए हत्यारों, आतंकियों, बलात्कारियों को रिहा करने की मांग की गई. 

किसान कानूनों के खिलाफ दिल्ली में हो रहा किसानों का प्रदर्शन अब सवालों के घेरे में घिरता जा रहा है। बता दें कि इससे पहले खालिस्तान समर्थित नारों को लेकर भी इस आंदोलन पर सवाल खड़े हुए थे वहीं अब इसी साल दिल्ली में हुए दंगों के आरोपियों और अर्बन नक्सिलयों को रिहा करने की मांग ने इस प्रदर्शन पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। बता दें कि सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और फोटोज वायरल हो रही हैं जिसमें अर्बन नक्सलियों और दिल्ली दंगे में शामिल आरोपियो को रिहा करने की मांग की जा रही है।

पोस्टर्स में जिन लोगों को रिहा करने की बात कही गई है, उनमें यूएपीए के तहत गिरफ्तार हुए शरजील इमाम का भी जिक्र है। बता दें कि शरजील इमाम ने असम को भारत से काटने की बात की थी। इसके अलावा इसमें उमर खालिद, गौतम नवलखा, पी वरवरा राव, वर्नन गोंज़ाल्वेस, अरुण फरेरा और कथित मानवाधिकार कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज सहित 20 से अधिक आरोपितों की तस्वीरें प्रदर्शन के दौरान टिकरी सीमा के पास एक मंच पर लगाई ।

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