कुछ महीने पहले इंटरनेट पर एक समाचार देखा था , इस समाचार के अनुसार इंग्लैंड की एक नदी में एक मछुआरे को कुछ वर्गाकार गोटियाँ मिली है और इनपर भारतीय भाषा मे कुछ अंक लिखे है। अब वे लोग ये पता करने की कोशिश कर रहे है कि ये कितनी पुरानी हो सकती है और इनका क्या महत्व होगा।

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किंतु अफसोस ,कुछ परिणाम नहीं निकलेगा क्योंकि बात दबा दी जायगी । दो करोड़ वर्ष पुराने आधुनिक मानव के फॉसिल कैलिफोर्निया और अन्य भूभागों में मिले ( https://t.co/6peSze3DBg ) किन्तु डार्विन के चेले तथ्यों को दबा देते हैं क्योंकि उनका पढ़ाना है कि आधुनिक मानव ईसापूर्व ४०००० अस्तित्व में आया और “सभ्यता” ईसापूर्व

४००४ से आरम्भ हुई ताकि बाइबिल से तालमेल बैठ सके ।

सनातन का अंत करने वाले चर्च और असुर पूजक म्लेच्छ कितना भी प्रयास कर लें , इसका अंत नही कर सकेंगे ।

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